Last Updated: Monday, February 11, 2013, 19:31
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा है कि खाद्य सुरक्षा योजना को लागू करने में आने वाले सारे खर्च को केंद्र सरकार उठाए। अपने सरकारी आवास पर आयोजित जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि खाद्य सुरक्षा लागू करने की कल्पना और योजना केंद्र सरकार की है। योजना केंद्र सरकार बनाए और उस पर आने वाले खर्च का भार राज्यों पर थोपे यह उचित नहीं है। राज्यों के पास इतने संसाधन नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। वह पहले भी इस सिलसिले में उन्हें पत्र लिख चुके हैं। इस महीने की 21 तारीख से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान खाद्य सुरक्षा विधेयक पेश कर पारित कराए जाने की संभावना है। नीतीश ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के बहाने अचानक हजारों करोड़ रूपये का भार दे दिया जाएगा और वह भी कानून के जरिए तो यह भार हम कहां से उठा पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने हर स्तर और हर बार इस विषय पर अपनी राय दी है और स्थायी समिति के समक्ष भी बिहार सरकार की ओर से विस्तृत राय रखी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार और ऐसे अन्य राज्यों के साथ न्याय होगा तथा इसके लिए धन राशि का प्रबंध केंद्र सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों की सही पहचान के स्वतंत्र आयोग के गठन की मांग करते हुए कहा कि जनवितरण प्रणाली की तरह ही खाद्य सुरक्षा का भार भी केंद्र को पूरी तरह उठाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा नीति को लागू करने में जो कठिनाइयां आएंगी उसे दूर करने में हमारा सुझाव व्यावहारिक है और उन्हें विश्वास है कि इसपर केंद्र सरकार गौर करेगी। नीतीश ने कहा कि हमने जो प्रधानमंत्री को पत्र लिखा उसकी प्रति वित्त मंत्री, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और खाद्य मंत्री को भी भेजी है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 11, 2013, 19:31