Last Updated: Sunday, February 12, 2012, 09:05
नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि को लेकर आर्थिक विश्लेषकों, शोध संस्थानों तथा रिजर्व बैंक के अनुमान इस बार वास्तविकता से काफी दूर छूटते नजर आ रहे हैं। सभी ने शुरू में इस बारे में उंचा अनुमान जताया था लेकिन आधिकारिक अग्रिम अनुमान में इस बार जीडीपी वृद्धि 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
आर्थिक वृद्धि को लेकर सबसे आशावादी अनुमान फरवरी 2011 में संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में रखा गया था। समीक्षा में 2011-12 में आर्थिक वृद्धि 9 प्रतिशत :0.25 प्रतिशत कम या अधिक: रहने का अनुमान लगाया गया था।
बहरहाल, केंद्रीय सांख्यिकी संगठन :सीएसओ: के ताजा राष्ट्रीय आय के अनुमान के मुताबिक आर्थिक वृद्धि दर अब सात प्रतिशत से भी कम रहेगी। सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जो 2010-11 में 8.4 प्रतिशत से कम है। इतना ही नहीं यह तीन साल में सबसे कम है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया तथा रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने भी अलग-अलग अनुमान जताये थे।
आहलूवालिया ने शुरू में चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 8 से 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था लेकिन बाद में इसे घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया।
सुब्बाराव ने 2011-12 की मौद्रिक नीति में आर्थिक वृद्धि दर 8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था लेकिन बाद में इसे घटाकर 7.6 प्रतिशत तथा अब इसे 7 प्रतिशत कर दिया। इतना ही नहीं रिजर्व बैंक द्वारा प्रायोजित पेशेवर भविष्यवक्ताओं का अनुमान भी गलत साबित हुआ। पेशेवरों ने शुरू में आर्थिक वृद्धि 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सी रंगराजन ने शुरू में आर्थिक वृद्धि 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था लेकिन बाद में इसे 7 प्रतिशत के करीब रहने का अनुमान जताया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 12, 2012, 15:35