Last Updated: Saturday, May 26, 2012, 19:23
मुंबई: लगातार चार सप्ताहों की गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजारों के एक प्रमुख सूचकांक में इस सप्ताह 65 अंकों की तेजी दर्ज की गई। बाजार पर पेट्रोल मूल्य में वृद्धि का निवेशकों ने यह अर्थ लगाया कि सरकार वित्तीय घाटा कम करने तथा अन्य सुधारों के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए कड़े फैसले लेने के लिए तैयार हो गई है। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स इस सप्ताह 0.40 फीसदी या 65.07 अंकों की तेजी के साथ 16,217.82 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह शुक्रवार को यह 16,152.75 पर बंद हुआ था।
पिछले करीब चार महीनों में सेंसेक्स पहली बार इस सप्ताह बुधवार को 16,000 अंक की मनोवैज्ञानिक सीमा के नीचे जा पहुंचा था। पिछले चार सप्ताहों में सेंसेक्स में सात फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है।
इस सप्ताह वैश्विक बाजारों के नकारात्मक संकेतों और रुपये में तेज अवमूल्यन का बाजार पर काफी दबाव रहा। इस सप्ताह रुपया डॉलर के मुकाबले 56.40 के रिकार्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था और लगातार आठवें सप्ताह इसमें गिरावट रही। इससे पहले 2008 की आर्थिक मंदी के दौरान रुपये में इससे अधिक सप्ताहों तक लगातार गिरावट रही थी।
निवेशकों में हालांकि पेट्रोल की कीमत बढ़ने का सकारात्मक असर देखा गया और बाजार में तेजी दिखाई पड़ी। सेंसेक्स में गुरुवार को 274 अंकों की तेजी रही, हालांकि शुक्रवार को यह चार अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी भी चार सप्ताहों की गिरावट के बाद इस सप्ताह 0.59 फीसदी तेजी के साथ 4,920.40 पर बंद हुआ।
सरकारी तेल विपणन कम्पनियों ने बुधवार को पेट्रोल की कीमत में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि की घोषणा की। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 7.54 रुपये बढ़ाई गई। इस कदम को वित्तीय घाटा कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना गया। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 26, 2012, 19:23