Last Updated: Tuesday, November 22, 2011, 17:50
नई दिल्ली : किंगफिशर सहित अन्य विमानन कंपनियों की खस्ता वित्तीय हालात को देखते हुए उद्योग मंत्रालय ने घरेलू विमानन क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को 26 प्रतिशत इक्विटी निवेश की अनुमति देने संबंधी कैबिनेट नोट का मसौदा जारी किया है।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने नोट जारी करते हुए कहा, देश में निजी विमानन कंपनियां धन की तंगी से जूझ रही हैं। वैश्विक कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए उनके संचालन और सेवाओं को बेहतर बनाने की नितांत आवश्यकता है।
उद्योग मंत्रालय के अधीन आने वाले डीआईपीपी ने एफडीआई सीमा 26 प्रतिशत रखने का सुझाव दिया है न कि 24 प्रतिशत। नागर विमानन मंत्रालय ने 24 प्रतिशत एफडीआई का प्रस्ताव दिया था। डीआईपीपी का मानना है कि 26 प्रतिशत से कम एफडीआई पर विदेशी विमानन कंपनियां रणनीतिक निवेश के लिए आकषिर्त नहीं होंगी।
26 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्सेदारी रणनीतिक हिस्सेदारी मानी जाती है क्योंकि भारतीय कंपनी कानून के तहत संबंधित कंपनी नीतिगत फैसले में अपनी बात कह सकती हैं। 26 प्रतिशत निवेश करने वाला निवेशक नीतिगत बदलाव के लिए निदेशक मंडल में विशेष प्रस्ताव को रोक सकता है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 22, 2011, 23:24