Last Updated: Monday, June 11, 2012, 20:10
नई दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि वह राजकोषीय घाटा और चालू खाते के घाटे (सीएडी) को कम करने के लिए कदम उठा रही है। स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) द्वारा भारत की रेटिंग घटाए जाने की चेतावनी के बाद वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी का यह बयान आया है।
वित्त सचिव आर एस गुजराल ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, सरकार चालू खाते के घाटे को काबू करने के लिए कई प्रकार के कदम उठा रही है। साथ ही राजाकोषीय घाटे को भी काबू में लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। अर्थव्यवस्था की रफ्तार में कमी तथा नीतिगत मोर्चे पर राजनीतिक अड़चनों के मद्देनजर रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने चेताया है कि ब्रिक देशों में निवेश ग्रेड रेटिंग गंवाने वाला भारत संभवत: पहला राष्ट्र बन सकता है।
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने 2012-13 के बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 5.1 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव किया है। यह इससे पिछले वित्त वर्ष में 5.76 प्रतिशत रहा था।
कच्चे तेल के उंचे दाम, सोने के उंचे आयात तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी के चलते 2011-12 में चालू खाते का घाटा बढ़कर इससे पिछले वित्त वर्ष के 2.7 प्रतिशत से 4 प्रतिशत पर पहुंच गया। सीएडी विदेशी पूंजी के अंतप्र्रवाह और बाह्य प्रवाह का अंतर होता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 11, 2012, 20:10