Last Updated: Wednesday, January 25, 2012, 10:33
टोक्यो : जापान को करीब 30 साल बाद पहली बार सालाना स्तर पर निर्यात से हुई आय की तुलना में आयात पर खर्च करना पड़ा है। सरकार का कहना है कि बीते साल मार्च में भूकंप और सुनामी तथा मजबूत येन के कारण जहां एक तरफ निर्यात पर असर पड़ा वहीं उच्च ईंधन लागत के कारण आयात बिल बढ़ा है। इसके कारण जापान को घाटा हुआ है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार 2011 में देश का व्यापार घाटा 2490 अरब येन (32 अरब डॉलर) रहा। 1980 के बाद यह पहला मौका है जब सरकार को घाटा हुआ है।
मंत्रालय के अनुसार 2010 के मुकाबले आयात 12 प्रतिशत बढ़ा। खासकर कच्चा तेल तथा तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के कारण देश का आयात बढ़ा। आटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर तथा अन्य उपकरणों का निर्यात घटने कुल निर्यात में 2.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान ने स्वयं को एक व्यापारी देश के रूप में स्थापित किया है। कार, इलेक्ट्रानिक उपकरण तथा अन्य वस्तुओं के निर्यात के मामले में वह अन्य देशों के मुकाबले काफी आगे रहा है और व्यापार के मामले में उसे अधिशेष प्राप्त था।
बहरहाल, पिछले साल भूकंप तथा सुनामी एवं येन की मजबूती के कारण उसके निर्यात पर असर पड़ा। वहीं दूसरी तरफ महंगे ईंधन के कारण उसका आयात बिल बढ़ा। इसके कारण देश को व्यापार घाटा हुआ है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 25, 2012, 17:03