Last Updated: Thursday, September 27, 2012, 17:51

नई दिल्ली : पूर्व सालिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार ऐसी कंपनी का तेल एवं गैस अनुबंध रद्द नहीं कर सकती है जो बैंक गारंटी देने जैसे अनुबंध के दायित्व पूरा करने से चूक गई हो। हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने जिंदल पेट्रोलियम लिमिटेड (जेपीएल) के मामले में उनकी राय मांगी थी। जिंदल पेट्रोलियम राजस्थान में आरजे ओएनएन 2005-1 ब्लॉक के लिए बैंक गारंटी जमा कराने जैसी कानूनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाई थी।
जिंदल हिंदुस्तान आयल एक्सलोरेशन कंपनी, भारत पेट्रो रिसोर्सेज तथा आईएमसी लिमिटेड की इस ब्लॉक में 25-25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके लिए उत्पादन हिस्सेदारी अनुबंध 22 दिसंबर 2008 में किया गया था। अन्य कंपनियों ने अपनी कानूनी अनिवार्यताओं को पूरा कर दिया लेकिन जिंदल ने बैंक गारंटी, वित्तीय तथा निष्पादन गारंटी जमा नहीं कराई।
पत्र के अनुसार यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार हिस्सेदारी अनुबंध की अनिवार्यताओं को पूरा नहीं करने वाले पक्ष की हिस्सेदारी किसी और को बेच सकती है, पूर्व सालिसिटर जनरल की राय नकारात्मक रही। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 27, 2012, 17:51