Last Updated: Tuesday, December 4, 2012, 23:16

माले/नई दिल्ली : मालदीव ने आज कहा कि वह भारत के जीएमआर समूह को माले अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के परिचालन से बेदखल करने के उसका पूरा नियंत्रण अपने हाथ में लेने के अपने निर्णय को लागू करने में लगी है। साथ ही मालदीव सरकार ने भारत के साथ संपर्क कर यह संदेश दिया है कि वह इस विवादास्पद पहल के बारे में प्रधानमंत्री स्तर पर अपनी बात रखेगी।
भारत ने भी 50 करोड़ डाली की जीएमआर की परियोजना को रद्द किए जाने के इस एकतरफा फैसले पर अपनी नाराजगी छुपाई नहीं है। ऐसे में मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल समाद अब्दुल्ला ने आज भारतीय विदेश मंत्री मंत्री सलमान खुर्शीद से टेलीफोन पर संपर्क किया कि इस संबंध में राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद की ओर से भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन को विस्तृत पत्र भेजा जाएगा।
हालांकि मालदीव की सरकार ने आज राज साफ किया कि सिंगापुर उच्च न्यायाय द्वारा भारतीय कंपनी जीएमआर के पक्ष में दिए गए फैसले के बावजूद सरकारी कंपनी माले हवाईअड्डे का अधिग्रहण करेगी।
राष्ट्रपति मोहम्मद वहीद के प्रेस सचिव मसूद इमाद ने प्रेट्र से कहा ‘‘हां हम हवाईअड्डे के अधिग्रहण के निर्णय को योजना के अनुसार लागू कर रहे है।’’ उन्होंने दावा किया कि मालदीव सरकार, उसकी कंपनी और जीएमआर के बीच बातचीत से एक योजना तैयार की जा रही है ताकि हवाईअड्डे के परिचालन के काम का हस्तांतरण बिना व्यवधान के सम्पन्न हो सके।
हालांकि जीएमआर माले अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के मुख्य कार्यकारी एंड्रयू हैरिसन ने प्रेट्र से कहा कि कोई ऐसी योजना तैयार नहीं की गई है लेकिन उन्होंने कहा कि आज मालदीव सरकार के साथ इस मामले पर बैठक जरू हुई है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक खुर्शीद के साथ बातचीत के दौरान अब्दुल्ला ने कहा कि वह इस बात से वाकिफ नहीं है कि भारत इस मामले में नाखुश है।
मजे की बात है कि भारत ने अपनी बात दोहराई कि उन्होंने परियोजना रद्द होने के तुरंत बाद मालदीव से अपनी नाखुशी जाहिर की और कहा कि वह यह सुनिश्चित करे कि भारतीय हित पूरी तरह सुरक्षित रहें।
खुर्शीद ने अब्दुल्ला से कहा कि मालदीव सरकार को ऐसा संकेत नहीं देना चाहिए कि भारत और मालदीव सरकार के बीच में दुराव पैदा हो रहा है। उन्होंने मामले को सौहार्द्रपूर्ण ढंग से निपटाने की जरूरत पर बल दिया। मालदीव सरकार द्वारा जीएमआर परियोजना को रद्द करने के तुरंत बाद खुर्शीद ने कहा था कि यह द्विपक्षीय संबंध के लिए बड़ा झटका है।
इमाद ने कहा कि वे जीएमआर को मुआवजा देंगे। तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के कार्यकाल में 2010 के दौरान हुए समझौते के मुताबिक मालदीव परियोजना रद्द करने एवज में 40 करोड़ डालर का भुगतान करना होगा।
उन्होंने कहा ‘‘हां .. इसका मतलब है कि हम जीएमआर को भुगतान किए जाने के मामले में गंभीरता से विचार कर रहे हें। मैं फिलहाल मुआवजे की राशि के बारे में बात नहीं करना चाहता . मैं चाहूंगा कि इसका निपटारा न्यायालय में हो।’’ उन्होंने कहा कि मालदीव सिंगापुर की अदालत में भुगतान के मामले में मध्यस्थता पर बातचीत करेगा।
माले स्थित सूत्रों ने कहा कि हवाईअड्डे के करीब 1,700 कर्मचारी सुरक्षित है। हालांकि मीडिया में आई खबरों के मुताबिक एमएसीएल के अधिग्रहण के बाद प्रबंधन में बदलाव हो सकता है।
मालदीव सरकार ने 27 नवंबर को जीएमआर को मिली माले हवाईअड्डे के आधुनिकीकरण की परियोजना यह कहते हुए रद्द कर दी कि यहा समझौता अवैध था और इस पर संदेहास्पद स्थिति में हस्ताक्षर किया गया था।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक खुर्शीद के साथ बातचीत के दौरान अब्दुल्ला ने कहा कि वह इस बात से वाकिफ नहीं है कि भारत इस मामले में नाखुश है।
मजे की बात है कि भारत ने अपनी बात दोहराई कि उन्होंने परियोजना रद्द होने के तुरंत बाद मालदीव से अपनी नाखुशी जाहिर की और कहा कि वह यह सुनिश्चित करे कि भारतीय हित पूरी तरह सुरक्षित रहें।
खुर्शीद ने अब्दुल्ला से कहा कि मालदीव सरकार को ऐसा संकेत नहीं देना चाहिए कि भारत और मालदीव सरकार के बीच में दुराव पैदा हो रहा है। उन्होंने मामले को सौहार्द्रपूर्ण ढंग से निपटाने की जरूरत पर बल दिया। मालदीव सरकार द्वारा जीएमआर परियोजना को रद्द करने के तुरंत बाद खुर्शीद ने कहा था कि यह द्विपक्षीय संबंध के लिए बड़ा झटका है।
इमाद ने कहा कि वे जीएमआर को मुआवजा देंगे। तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के कार्यकाल में 2010 के दौरान हुए समझौते के मुताबिक मालदीव परियोजना रद्द करने एवज में 40 करोड़ डालर का भुगतान करना होगा।
उन्होंने कहा ‘‘हां .. इसका मतलब है कि हम जीएमआर को भुगतान किए जाने के मामले में गंभीरता से विचार कर रहे हें। मैं फिलहाल मुआवजे की राशि के बारे में बात नहीं करना चाहता . मैं चाहूंगा कि इसका निपटारा न्यायालय में हो।’’ उन्होंने कहा कि मालदीव सिंगापुर की अदालत में भुगतान के मामले में मध्यस्थता पर बातचीत करेगा।
माले स्थित सूत्रों ने कहा कि हवाईअड्डे के करीब 1,700 कर्मचारी सुरक्षित है। हालांकि मीडिया में आई खबरों के मुताबिक एमएसीएल के अधिग्रहण के बाद प्रबंधन में बदलाव हो सकता है।
मालदीव सरकार ने 27 नवंबर को जीएमआर को मिली माले हवाईअड्डे के आधुनिकीकरण की परियोजना यह कहते हुए रद्द कर दी कि यहा समझौता अवैध था और इस पर संदेहास्पद स्थिति में हस्ताक्षर किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 4, 2012, 23:16