Last Updated: Friday, September 6, 2013, 22:27
नई दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ऊंचे मूल्य के दवा ब्रांड की खरीद के जरिये 9.25 करोड़ रुपये का गैर जरूरी खर्च करने के लिए केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की खिंचाई की है। कैग ने कहा है कि यदि इसके बजाय जेनेरिक दवाओं की खरीद की जाती तो 11.81 करोड़ रुपये की राशि बचाई जा सकती थी।
कैग की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि सीजीएचएस के लिए सभी दवाओं की खरीद करने वाले दिल्ली मेडिकल स्टोर्स विभाग (एमएसडी) सलाहकार शुल्क के रूप में 13.52 करोड़ रुपये का बचाया जा सकने वाला अतिरिक्त खर्च किया।
हॉस्पिटल सर्विस कंसल्टेंसी कारपोरेशन (एचएससीसी) को 2002-03 से 2010-11 के दौरान इस राशि का भुगतान किया गया। रिपोर्ट में दवाओं की खरीद में दो से छह माह की देरी का भी उल्लेख किया गया है।
कैग की रिपोर्ट में स्वास्थ्य मंत्रालय के टयूबरकुलोसिस विभाग को हुए 5.06 करोड़ रुपये के नुकसान का भी खुलासा किया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 6, 2013, 22:27