Last Updated: Thursday, September 27, 2012, 21:56
वाशिंगटन : वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने बेहतर प्रदर्शन किया और उनकी नीतियां अब बेहतर हैं, लेकिन वह भविष्य के झटकों से पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की एक नई रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
आईएमएफ की गुरुवार को जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात का भारी जोखिम है कि विकसित देश एक और मंदी का सामना करें। ऐसी स्थिति में विकासशील देश भी हिचकोले खा सकते हैं जैसा कि वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान हुआ था। ऐसी स्थिति में नाजुक हालात पैदा हो सकता है क्योंकि कुछ उभरते बाजारों एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में भले ही ऋण आबंटन की तेज वृद्धि दर से घरेलू मांग को सहयोग मिले, वित्तीय स्थिरता को लेकर चिंता पैदा हो सकती है।
इस रिपोर्ट में भारत, चीन, कोरिया, मलेशिया और थाइलैंड को उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं में गिना गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आशावादी रुख के कई कारण हैं जिनमें नीति निर्माण में सुधार और झटके से निपटने के लिए नीतिगत कार्रवाई की अधिक गुंजाइश शामिल है। लेकिन हाल के अच्छे निष्पादन के कई ऐसे कारकों का सहयोग मिला जो चंचल प्रकृति के हैं जैसे मजबूत पूंजी प्रवाह, तेज ऋण की मांग और जिंसों की ऊंची कीमतें। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 27, 2012, 21:56