Last Updated: Thursday, February 16, 2012, 09:21
नई दिल्ली: रीयल एस्टेट कंपनी यूनिटेक ने कहा है कि वह टेलीनॉर की क्षतिपूर्ति की मांग को चुनौती देगी। नॉर्वे की कंपनी टेलीनॉर ने दूरसंचार लाइसेंस रद्द होने के एवज में यूनिटेक से मुआवजा देने की मांग की है।
यूनिटेक ने स्पष्ट किया है कि उसकी ओर से किसी तरह की वॉरंटी का उल्लंघन नहीं किया गया है और वह मुआवजे की मांग को चुनौती देगी। सप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी 2008 को जारी सभी 2जी लाइसेंस रद्द कर दिए थे। इस निर्णय से दोनों कंपनियों का संयुक्त उद्यम यूनीनार भी प्रभावित हुआ है जिसके 22 के 22 सर्किल के लाइसेंस रद्द हो गए है।
यूनिटेक ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की नीतियों पर कई तरह के सवाल उठाए थे, लेकिन ये किसी भी स्थिति में यूनिटेक लिमिटेड की ओर से वारंटी के उल्लंघन का मामला नहीं बनता है।
यूनिटेक ने कहा कि इस तरह यह कहना या दावा करना उचित नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूनिफाइड एक्सेस लाइसेंस को रद्द किया जाना उसकी ओर से वॉरंटी को तोड़ने का मामला है।
बयान में कहा गया है, ‘ज्यादा से ज्यादा टेलीनॉर भारत में अपने निवेश को बचाने के लिए सरकारों के बीच प्रावधानों का हवाला दे सकती है, लेकिन उसका यूनिटेक पर किसी तरह का दावा नहीं बनता।’ नॉर्वे की दूरसंचार कंपनी टेलीनॉर ने कल अपनी भारतीय भागीदार को संयुक्त उद्यम यूनिनॉर के 22 लाइसेंस रद्द होने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए यूनीटेक से क्षतिपूर्ति और मुआवजे की मांग की है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, February 16, 2012, 14:51