Last Updated: Saturday, May 12, 2012, 15:17
नई दिल्ली : नार्वे ने कहा है कि भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में घटे प्रतिकूल घटनाक्रम से टेलीनोर को बेवजह नुकसान पहुंचा है ऐसे में यदि भारत में उसका तीन अरब डालर का निवेश विफल होता है तो उसका राजनीतिक असर होगा।
नार्वे के व्यापार और उद्योग मंत्री त्रोंद गिसके ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘टेलीनोर केवल एक कंपनी नहीं है बल्कि सरकार के जरिये नार्वे की जनता की इसमें 54 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ऐसे में यदि इस कंपनी को कोई नुकसान पहुंचता है तो उसका आगे राजनीतिक क्षेत्र में असर होगा।’ उन्होंने कहा, ‘अगर यह निवेश विफल रहता है तो विदेशी निवेश के मामले में नार्वे की कंपनी के लिये यह संभवत: सबसे बड़ा नुकसान होगा। मेरा मानना है कि ऐसे में यह कहना उपयुक्त होगा कि इससे बेहतर निवेश स्थल के तौर पर भारत के बारे में बनी सोच को प्रभावित करेगा।’
गिसके टेलीनोर के निदेशक मंडल में नार्वे सरकार के प्रतिनिधि हैं जिसकी यूनिनोर में 67.25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनी यूनिटेक के पास है। सुप्रीम कोर्ट के दो फरवरी के निर्णय में 2जी स्पेक्टम के 122 लाइसेंस निरस्त किये गये जिसमें 22 लाइसेंस यूनीनोर के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नार्वे और भारत का अच्छा द्विपक्षीय संबंध है और उन्होंने उम्मीद जतायी कि जल्दी ही मसले को सुलझा लिया जाएगा।
मंत्री ने कहा, ‘भारत और नार्वे के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत है और वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। इसका निवेशकों पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है लेकिन सभी मसलों में दोनों सरकारों के बीच सहयोग निरंतर बना हुआ है।’
(एजेंसी)
First Published: Saturday, May 12, 2012, 20:47