Last Updated: Thursday, February 7, 2013, 23:05
नई दिल्ली : योजना आयोग ने आज कहा कि डीजल के दाम में होने वाली वृद्धि से डीजल बिक्री पर तेल कंपनियों को होने वाला नुकसान 2015 मध्य तक समाप्त हो जाएगा।
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने गुरुवार को यहां ‘भारत उर्जा कांग्रेस’ में कहा कि डीजल में सब्सिडी समाप्त होने की तरफ बढ़ रही है और 2015 मध्य तक डीजल के मूल्य में मौजूदा सब्सिडी का हिस्सा पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। सरकार ने हाल ही में डीजल के दाम को आंशिक तौर पर नियंत्रणमुक्त किया है, इसके तहत तेल कंपनियों को हर महीने डीजल के दाम में 40 से 50 पैसे प्रति लीटर वृद्धि की अनुमति दी गई है। तेल कंपनियों को डीजल के मौजूदा बिक्री मूल्य पर करीब 10 रुपये का नुकसान हो रहा है।
अहलूवालिया ने माना कि कमी वाली इस दुनिया में उर्जा संसाधनों का प्रबंधन बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि धनी देश उर्जा उत्पादों के मामले में सब्सिडी का बोझ उठा सकते हैं क्योंकि इससे उन्हें और धनी होने में कोई रुकावट नहीं होगी, लेकिन जहां तक गरीब देशों का मामला है, वह और धनी होना चाहते हैं, इसलिये इसे लगातार जारी नहीं रख सकते।
अहलूवालिया ने कहा कि राजनीतिक लिहाज से यह कहना (डीजल के दाम बढ़ाने संबंधी) काफी मुश्किल वाला काम है। उन्होंने कहा कि हम ऊर्जा को एक अलग मुद्दा नही मान सकते। हमें बिजली, कोयला, गैस सभी को एक साथ लेना होगा। ऊर्जा क्षमता का बेहतर इस्तेमाल किये बिना उर्जा मांग की बेहतर व्यवस्था करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि सरकार शेल गैस और दूसरे क्षेत्रों में भी संभावनायें तलाश रही है, हालांकि इस क्षेत्र में शुरुआती आकलन ज्यादा बेहतर नहीं रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 7, 2013, 23:05