Last Updated: Thursday, January 5, 2012, 13:12
नई दिल्ली : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही विमानन कंपनियों को सुरक्षा मामले में ढील बरतने पर आड़े हाथों लेते हुए साफ कहा कि किसी भी विमानन कंपनी को सुरक्षा मामलों में ‘शार्टकट’ रास्ता नहीं अपनाने दिया जाएगा।
देश के नागर विमानन नियामक ने विमानन कंपनियों को निर्देश दिया है कि सुरक्षा संबंधी दिक्कतें समय पर दूर की जाएं हालांकि किंगफिशर और एयर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारियों की मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि कंपनियों को बंद किये जाने का खतरा नहीं है।
किंगफिशर का उड़ान परमिट रद्द करने और एयर इंडिया एक्सप्रेस के परिचालन को सीमित करने जैसी सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश करते हुए नागर विमानन महानिदेशालय की वित्तीय निगरानी रिपोर्ट में पाया गया कि इस क्षेत्र में बहुत सी मुश्किलें है और सभी विमानन कंपनियों से कहा कि वे अपनी कमियां दूर करने के लिए तुरंत सुधारात्मक कदम उठाएं। उड़ान परमिट रद्द करने के अलावा रपट में उड़ानों की संख्या कम करने या कम विमान उड़ाने का आदेश जारी करने जैसे सुझाव दिए गए हैं।
यह पहला मौका है जब डीजीसीए ने ऐसी वित्तीय लेखा परीक्षा की है। नागर विमानन मंत्रालय की सुरक्षा सलाहकार परिषद की सिफारिश के बाद यह लेखा परीक्षा की गई थी। हालांकि किंगफिशर एयरलाइंस और एयर इंडिया की कम बजट वाली विमानन सेवा को मुख्य तौर पर डीजीसीए की आलोचना का शिकार होना पड़ा, लेकिन किन अन्य विमानन कंपनियों की भी सुरक्षा के मामले में आलोचना से अछूती नहीं रहीं।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, January 5, 2012, 20:42