डॉलर के मुकाबले रुपया 64 से नीचे, चिदंबरम मिले रंगराजन, मोंटेक से

डॉलर के मुकाबले रुपया 64 से नीचे, चिदंबरम मिले रंगराजन, मोंटेक से

नई दिल्ली : डॉलर के मुकाबले रुपये के 64 से भी नीचे गिरने के बीच वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के प्रमुख डा. सी. रंगराजन सहित शीर्ष सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की। समझा जाता है कि वित्त मंत्री ने बैठक में वर्तमान आर्थिक स्थिति पर विचार विमर्श किया इसके अलावा अगले महीने सेंट पीटर्सबर्ग में होने वाली जी20 देशों के नेताओं की बैठक में भारत द्वारा अपनायी जाने वाली रणनीति पर भी बातचीत हुई।

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम और वाणिज्य सचिव एस.आर. राव भी बैठक में शामिल थे। विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपये के नित नये न्यूनतम स्तर को छूने के बीच यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है। आज कारोबार की शुरआत में डॉलर के समक्ष रुपया एक समय 64.11 रुपये के नये निम्नतम स्तर तक चला गया था। उधर बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स कारोबार के दौरान एक समय 18,000 अंक से नीचे चला गया।

चिदंबरम की लगातार दूसरे दिन आर्थिक क्षेत्र के शीर्ष अधिकारियों के साथ यह मुलाकात हुई है। बातचीत में सरकार द्वारा आने वाले दिनों में उठाये जाने वाले सुधारवादी कदमों पर भी विचार विमर्श हो सकता है। अर्थव्यवस्था को एक बार फिर उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर लाने के कदमों के बारे में भी चर्चा की गई हो सकती है।

वित्त मंत्रालय सूत्रों के अनुसार रपया अपना उचित स्तर तलाश लेगा। हालांकि, यह स्तर क्या होगा इस बारे में कोई संकेत नहीं दिया गया। चालू खाते के बढ़ते घाटे की वजह से रुपया गिर रहा है। गिरते रुपये से सामानों का आयात महंगा होगा। पेट्रोलियम पदार्थों का आयात भी महंगा होगा।

मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस के विश्लेषक अत्सी सेठ ने कहा, हमारा मानना है कि चालू खाते के घाटे (कैड) के अर्थपूर्ण स्तर तक कम होने और आर्थिक वृद्धि परिदृश्य में सुधार आने के बाद पूंजीप्रवाह सुधरने तक रुपया दबाव में बना रहेगा। चिदंबरम ने इससे पहले कहा था कि कैड को चालू वित्त वर्ष के दौरान 70 अरब डॉलर के भीतर रखा जायेगा। पिछले वित्त वर्ष में यह 88.2 अरब डॉलर रहा था। देश में विदेशी पूंजी प्रवाह बढ़ाने के लिये कदम उठाये जायेंगे।

विदेशी पूंजी बाहर जाने से रोकने के लिये गत 14 अगस्त को रिजर्व बैंक ने कड़े कदम उठाये। विदेशों में पूंजी निवेश करने वाली भारतीय कंपनियों और भारतीयों द्वारा विदेश पूंजी भेजने के मामले में कुछ प्रतिबंध लगाये गये हैं। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, August 20, 2013, 19:31

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