तीव्र विकास के लिए केंद्र, राज्य मिलकर काम करेंगे: PM

तीव्र विकास के लिए केंद्र, राज्य मिलकर काम करेंगे: PM

तीव्र विकास के लिए केंद्र, राज्य मिलकर काम करेंगे: PM किश्तवाड़/ जम्मू-कश्मीर : विकास के लिए सुरक्षा को जरूरी शर्त बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि जम्मू-कश्मीर के हालात में सुधार के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिल कर काम करेंगे ताकि प्रदेश का तेजी से एक समान विकास हो सके। सिंह ने आज यहां संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ 850 मेगावाट की रटले पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखने के बाद सिंह ने कहा, केंद्र और राज्य सरकार ने राज्य की स्थिति में सुधार लागने का संकल्प किया है ताकि इसका तेज, सतत और एक समान विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में विकास के लिए सुरक्षा पहली शर्त है। सिंह ने कहा कि कई वर्षों के कठिनाई के दौर के बाद सामूहिक प्रयास से जम्मू-कश्मीर में विकास की गति तेज हुई है।

उन्होंने कहा, हमारा आकलन है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 2012 में आतंकवाद से जुड़ी हिंसा में तेजी से गिरावट कमी आई और यह एक दशक के न्यूनतम स्तर पर थी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हैदरपुरा में कल हुए हमले जैसी वारदात को रोकने के लिए सतत सजग रहने की जरूरत है। प्रधानमंत्री सिंह और संप्रग अध्यक्षा गांधी ने श्रीनगर में कल की इस आतंकी हमले की घटना में मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही प्रधानमंत्री कहा कि देश आतंकी साजिश को नाकाम करने के लिए एकजुट है।

उन्होंने कहा, मैं आतंकवादियों से संघर्ष करते हुए अपनी कुर्बानी देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता हूं। मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं और आतंकवादियों के नापाक इरादे का कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

जम्मू-कश्मीर के लिए 37,000 करोड़ रुपए की ‘प्रधानमंत्री पुनर्निर्माण योजना’ की प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए सिंह ने कहा कि इस योजना के तहत 67 परियोजनाओं में से 34 परियोजनाएं और स्कीम पूरी हो चुकी हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, 2004 की जम्मू-कश्मीर यात्रा के दौरान मैंने राज्य के लिए एक पुनर्निर्माण योजना की घोषणा की थी। इसमें बुनियादी ढांचा तैयार करने, मूल सुविधाओं की व्यवस्था, रोजगार व जीविकोपार्जन के साधन बढाने की योजनाओं के साथ साथ आतंकवाद पीड़ितों के पुनरद्धार और पुनर्वास के लिए कुल 37,000 करोड़ रपए की परियोजनाएं और स्कीम शामिल थीं। उन्होंने कहा, मुझे आपको यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि इस पुनर्निमाण योजना के तहत आने वाली 67 में से 34 परियोजनाएं और स्कीमें पूरी हो चुकी हैं। शेष योजनाओं में भी अच्छी प्रगति हो रही है। सिंह ने कहा कि इस योजना के अलावा जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में 1,000 करोड़ रपए की परियोजना पर काम चल रहा है ताकि इन इलाकों की विकास की जरूरत पूरी हो सके। कौशल विकास और राज्य के युवावर्ग को रोजगार पाने योग्य बनाने के लिए उन्होंने कहा कि हिमायत और उड़ान जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं और इनके परिणाम उत्साहजनक हैं।

उन्होंने कहा, प्रदेश के छात्र-छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति शुरू किए जाने से उन्हें उच्च शिक्षा के अवसरों का लाभ उठाने का प्रोत्साहन मिला है।’’ बिजली के मामले में प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर उत्तरी ग्रिड से 1,664 मेगावाट बिजली ले रहा है पर इतने से ही उसकी जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है।

प्रधानमंत्री सिंह ने राज्य के लिए 150 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मुहैया कराने की घोषणा ताकि उसकी बिजली की जरूरत पूरी हो सके। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि राज्य को एनएचपीसी की दो बिजली परियोजनाएं - निमो बाज्गो और चुटुक (लद्दाख क्षेत्र) - पूरी की हैं। मुझे उम्मीद है कि बारामूला में उरी-2 परियोजना भी पूरी हो जाएगी उससे राज्य को और बिजली प्राप्त होगी।’’ सिंह ने कहा कि श्रीनगर और लेह के बीच 1,629 करोड़ रुपए की पारेषण लाईन बिछाई जा रही है जिससे लद्दाख क्षेत्र के लोगों को पूरे साल बराबर बिजली मिल सकेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पनबिजली निगम :एनएचपीसी: ने राज्य में पांच औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को अपने दायरे में लिया है। कंपनी दो अन्य आईटीआई संस्थानों को भी अपनाने वाली है जहां युवाओं को बिजली परियोजनाओं में काम करने के हुनर सिखा जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिजली ग्रिड कापरेरेशन गंदेरबल जिले के कंगन में प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना करेगी।

सिंह ने 850 मेगावाट की रटले बिजली परियोजना का हवाला देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक बोली के आधार पर दी गई यह परियोजना इस प्रदेश में पनबिजली उत्पादन की संभावनाओं के दोहन की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि 5,500 करोड़ रुपए की इस परियोजना को संबंधित विभागों से आवश्यक मूंजरी मिल गई है और इसका काम शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा, उल्लेखनीय है कि इस बिजली परियोजना से प्रभावित क्षेत्र और लोगों के लिए 262 करोड़ रुपए की पर्यावरण प्रबंधन, पुनरद्धार और पुनर्वास परियोजना शुरू की गयी है। प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में लोगों की जीवनशैली में सुधार की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा करते हुए उम्मीद जाहिर की कि परियोजना से प्रभावित लोगों को राष्ट्रीय पुनरद्धार और पुनर्वास नीति के मुताबिक रोजगार और मुआवजा प्रदान किया जाएगा। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, June 25, 2013, 16:07

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