Last Updated: Thursday, October 25, 2012, 16:42
नई दिल्ली : देश को ज्यादा सुगम, अधिक पारदर्शी तथा कम दखल वाली व्यवस्था की जरूरत है, जिससे तेल एवं गैस उत्खनन की रफ्तार बढ़ाई जा सके। पेट्रोलियम मंत्री एस. जयपाल रेड्डी ने आज यह बात कही।
दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तेल आयातक देश भारत अपने बढ़ते आयात बिल और राजकोषीय घाटे में कमी लाने के लिए घरेलू तेल एवं गैस खोज कार्य को तेज करना चाहता है, लेकिन उसकी दशकों पुरानी नई उत्खनन लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के प्रति वैश्विक कंपनियों का रुख काफी ठंडा है।
रेड्डी ने दुबई में विश्व ऊर्जा मंच में कहा, ‘एक आसान, अधिक पारदर्शी तथा कम हस्तक्षेप वाली समय की जरूरत है।’ नेल्प के तहत 1999 से नौ दौर की नीलामी से वैश्विक कंपनियां दूर रही हैं। कीमतों पर नियमन, मंजूरियां हासिल करने में विलंब और वित्तीय व्यवस्था में बदलाव आदि की वजह से वैश्विक कंपनियां नेल्प से दूरी बनाकर रख रही हैं। रेड्डी के भाषण को यहां आधिकारिक रूप से जारी किया गया। उन्होंने कहा कि नेल्प के अगले दौर से पहले सरकार की योजना नई उत्खनन लाइसेंसिंग व्यवस्था को पेश करने की है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 25, 2012, 16:42