तेल एवं गैस में 9% की तेजी से सेंसेक्स 20000 के पार

तेल एवं गैस में 9% की तेजी से सेंसेक्स 20000 के पार

तेल एवं गैस में 9% की तेजी से सेंसेक्स 20000 के पारमुंबई: देश के शेयर बाजारों का एक प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को समाप्त कारोबारी सप्ताह के आखिर में 20 हजार की मनोवैज्ञानिक सीमा के ऊपर बंद हुआ। इस अवधि में बीएसई के तेल एवं गैस सेक्टर में लगभग नौ फीसदी और रियल्टी में लगभग आठ फीसदी तेजी देखी गई। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत सप्ताह 1.91 फीसदी या 375.40 अंकों की तेजी के साथ 20,039.04 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी आलोच्य अवधि में 1.90 फीसदी या 113.10 अंकों की तेजी के साथ 6,064.40 पर बंद हुआ।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों का रुख आलोच्य अवधि में मिला-जुला रहा। मिडकैप 0.12 फीसदी या 8.58 अंकों की तेजी के साथ 7,165.46 पर और स्मॉलकैप 1.13 फीसदी या 84.42 अंकों की तेजी के साथ 7,370.34 पर बंद हुआ। आलोच्य अवधि में सेंसेक्स के 30 में से 12 शेयरों में तेजी रही। ओएनजीसी (15.58 फीसदी), एनटीपीसी (7.67 फीसदी), भारती एयरटेल (7.38 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (7.11 फीसदी) और गेल (5.51 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे महिंद्रा एंड महिंद्रा (5.90 फीसदी), विप्रो (5.33 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (3.75 फीसदी), सन फार्मा (3.52 फीसदी) और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (3.38 फीसदी)।

बीएसई के 13 में से नौ सेक्टरों में तेजी रही। तेल एवं गैस (8.90 फीसदी), रियल्टी (7.73 फीसदी), सार्वजनिक कम्पनियां (4.67 फीसदी), प्रौद्योगिकी (2.82 फीसदी) एवं सूचना प्रौद्योगिकी (2.45 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। चार सेक्टरों वाहन (2.88 फीसदी), धातु (1.44 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (0.89 फीसदी) और पूंजीगत वस्तु (0.35 फीसदी) में गिरावट रही।

गत सप्ताह के प्रमुख घटनाक्रमों में सोमवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक देश में दिसम्बर महीने के लिए महंगाई दर घटकर तीन सालों में सबसे कम 7.18 फीसदी दर्ज की गई। नवम्बर महीने के लिए महंगाई दर 7.24 फीसदी थी और दिसम्बर 2011 के लिए महंगाई दर 7.74 फीसदी थी। ताजा दर दिसम्बर 2009 के बाद से न्यूनतम है। महंगाई दर में गिरावट से उद्योग जगत और बैंकों में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में कटौती करने की उम्मीद जगी है, जो 29 जनवरी 2013 को 2012-13 की तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा।

सोमवार को ही केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक हालांकि दिसम्बर में उपभोक्ता महंगाई दर बढ़कर 10.56 फीसदी हो गई, जो पिछले महीने 9.90 फीसदी थी। नवम्बर महीने के औद्योगिक उत्पादन के खराब आंकड़े के कारण भी हालांकि रिजर्व बैंक पर दरों में कटौती का दबाव रह सकता है। नवम्बर 2012 में औद्योगिक उत्पादन साल दर साल आधार पर 0.1 फीसदी कम रही।

सरकार ने सोमवार को विवादास्पद सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम (गार) को लागू करने की तारीख दो सालों के लिए टाल दी। अब यह एक अप्रैल 2016 से लागू होगी। इसके साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) में अनिवासी भारतीयों को इसके दायरे से मुक्त कर दिया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने संवाददाताओं से कहा, "सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फैसला किया है कि अध्याय 10ए का प्रावधान एक अप्रैल 2014 की जगह एक अप्रैल 2016 से लागू होगा।" वित्त मंत्रालय ने पहले कहा था कि वह गार को अप्रैल 2014 से लागू करेगा। वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि अगस्त 2010 से पहले किए गए निवेश पर यह लागू नहीं होगा। संसद में वित्त विधेयक के पारित होने के बाद गार कानून बन चुका है।

मंगलवार को सेंसेक्स करीब दो सालों तक 20 हजार के स्तर से नीचे रहने के बाद पहली बार इस स्तर को पार कर गया। हालांकि यह मनोवैज्ञानिक सीमा से नीचे 19,986.82 पर बंद हुआ। गुरुवार देर शाम देश की सरकारी तेल विपणन कम्पनियों ने डीजल की कीमत में 45 पैसे प्रति लीटर वृद्धि कर दी, जबकि पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 25 पैसे घटा दी। फैसला गुरुवार मध्य रात से लागू हुआ।

दिल्ली में डीजल की ताजा कीमत 47.65 रुपये प्रति लीटर, मुम्बई में 53.17 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 51.51 रुपये और चेन्नई में 50.68 रुपये प्रति लीटर हो गई। पेट्रोल की ताजा दर दिल्ली में 67.26 रुपये प्रति लीटर, मुम्बई में 74.00 रुपये, कोलकाता में 74.72 रुपये और चेन्नई में 70.26 रुपये प्रति लीटर हो गई।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, वीरप्पा मोइली ने गुरुवार को कहा था कि मंत्रिमंडल ने बैठक में तेल विपणन कम्पनियों को डीजल की अपनी दर तय करने का अधिकार दे दिया है। इस कदम से वित्तीय घाटा कम होने का अनुमान है। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक कम्पनियां कीमत में एक बार में एक रुपये से कम की वृद्धि ही कर सकती हैं। उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पहले जून 2010 में पेट्रोल मूल्य को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया था। अधिकारियों ने कहा कि तेल विपणन कम्पनियों को कम मूल्य पर डीजल बेचने के कारण अप्रैल से सितम्बर 2012 की अवधि में 52,711 करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है।

आखिरी बार डीजल मूल्य सितम्बर 2012 में बढ़ाया गया था, जब इसमें प्रति लीटर 5.63 रुपये की वृद्धि की गई थी। यह रिकार्ड वृद्धि थी। ताजा फैसले के कारण तीन तेल विपणन कम्पनियों-इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम-के शेयरों में बम्बई स्टॉक एक्सचेंज में तेजी देखी गई। (एजेंसी)

First Published: Saturday, January 19, 2013, 10:54

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