Last Updated: Thursday, March 14, 2013, 13:44

नई दिल्ली : थोक मुद्रास्फीति लगातार चार महीने की गिरावट के बाद फरवरी में थोड़ा चढ कर 6.84 फीसद हो गई। चावल, गेहूं, प्याज और फलों के महंगा होने से मुद्रास्फीति ने सिर उठाया है।
थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति इस वर्ष जनवरी 6.62 फीसद और पिछले साल फरवरी में में यह 7.56 फीसद थी।
मुद्रास्फीति का दबाव बढने से भारतीय रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत ब्याज दरों में कमी का फैसला करने में मुश्किल हो सकती है। रिजर्व बैंक ने मार्च-2013 के अंत तक मुद्रास्फीति 6.8 फीसद रहने का अनुमान लगाया है।
अगले सप्ताह होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा के पहले आरबीआई के गवर्नर डी सुब्बाराव ने कल कहा कि यदि मुद्रास्फीति छह फीसद से उपर हो तो मौद्रिक नीति सख्त रखने की जरूरत है।
सरकार द्वारा आज जारी थोक मूल्य सूचकांकों के मुताबिक विनिर्मित वस्तुओं संबंधी मुद्रास्फीति इस बार फरवरी में थोड़ा नरम हो कर 4.51 फीसद रही।
थोक मूल्य सूचकांक में 14.34 फीसद भार रखने वाले खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति इस बार घटकर 11.38 फीसद रही। जनवरी-13 में में खाद्य मुद्रास्फीति 11.88 फीसद थी।
फरवरी में प्याज सालाना आधार पर 154.33 फीसद मंहगा रहा जबकि जनवरी में यह एक साल पहले की तुलना में 111.52 फीसद मंहगा था।
सालाना अधार पर चावल इस बार फरवरी में 18.84 फीसद मंहगा रहा जबकि पिछले महीने यह 17.31 फीसद मंहगा था। इस दौरान सब्जियों की मुद्रास्फीति 12.11 रही जो जनवरी में 28.45 फीसद थी।
गेहूं और मोटे अनाजों के मामले में इस बार फरवरी में मुद्रास्फीति क्रमश: 21.63 फीसद और 19.19 फीसद रही।
अंडा, मांस एवं मछली खंड की मंहगाई दर सालाना आधार पर 12.85 फीसद रही जबकि दूध की कीमत 4.57 फीसद बढ़ी। फल भी 8.93 फीसद मंहगे हुए। इंधन और उर्जा खंड में फरवरी के दौरान मुद्रास्फीति 10.47 फीसद रही जबकि जनवरी 2013 में यह 7.06 फीसद थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 14, 2013, 13:44