Last Updated: Tuesday, November 27, 2012, 16:53

नई दिल्ली :एक बाजार अनुसंधान फर्म के ताजा अनुमान के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र में लगातार कमजोरी के बीच देश की वृद्धि दर दूसरी तिमाही के दौरान 5.1 फीसद पर आ जाएगी जो करीब साढ़े तीन साल का न्यूनतम स्तर होगा।
कार्वी स्टाक ब्रोकिंग की एक रपट के मुताबिक,‘चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर घटकर 5.1 फीसद पर आ जाने के आसार हैं। यह साढ़े तीन साल का न्यूनतम स्तर होगा।’
रपट के मुताबिक ऐसा मुख्य तौर पर बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी की धीमी रफ्तार, व्यापार क्षेत्र की वृद्धि में तीव्र गिरावट के कारण होगा।
इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए घरेलू ब्रोकरेज कंपनी रेलीगेयर ने कहा,‘हमें दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद के 5.1 फीसद के बराबर वृद्धि की उम्मीद है जो मार्च 2009 से अब तक का न्यूनतम स्तर होगा जो मुख्य तौर पर औद्योगिक क्षेत्र में कमी बरकरार रहने के कारण होगा। औद्योगिक क्षेत्र में 0.4 फीसद की वृद्धि की उम्मीद है।’
भारत 2008 की वित्तीय नरमी से पहले करीब आठ से नौ फीसद की रफ्तार से वृद्धि दर्ज कर रहा था। 2011-12 में वृद्धि दर घटकर नौ साल के न्यूनतम स्तर 6.5 फीसद पर आ गई और 30 जून 2012 को समाप्त तिमाही के दौरान यह 5.5 फीसद पर आ गई।
सरकार को उम्मीद है चालू वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि दर 5.5 से छह फीसद के बीच होगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 27, 2012, 16:53