नई दवा नीति का औषधि क्षेत्र पर बुरा असर होगा: उद्योग

नई दवा नीति का औषधि क्षेत्र पर बुरा असर होगा: उद्योग

नई दिल्ली : हाल ही में अधिसूचित नई दवा मूल्य नियंत्रण नीति का देश की दवा कंपनियों की बिक्री तथा मार्जिन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। उद्योग संगठनों ने यह बात कही है। डाक्टर रेड्डीज लैबोरेटरीज के उपाध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक सतीश रेड्डी ने कहा, ‘‘कंपनी स्तर पर हम नीति को लेकर अवगत थे और 3 से 4 प्रतिशत के बीच पड़ने वाले प्रभाव को दवा बिक्री में शामिल किया है। इसके प्रभाव से निपटने को लेकर हमने योजना बनायी है।’’ औषधि विभाग ने दवा (मूल्य नियंत्रण) आदेश 2013 को बुधवार को अधिसूचित कर दिया। इसके तहत जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) में शामिल 348 दवाओं के दाम को कीमत नियंत्रण व्यवस्था के अंतर्गत लाया गया है। इसने 1995 के आदेश का स्थान लिया है जिसमें केवल 74 दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने की व्यवस्था थी।

इसी प्रकार का विचार प्रकट करते हुए ‘आर्गनाइजेशन आफ फार्मास्युटिकल प्रोड्यूसर्स आफ इंडिया’ :ओपीपीआई: के महानिदेशक तपन जे राय ने कहा, ‘‘नई नीति का ओपीपीआई की सदस्य कंपनियों की बिक्री तथा मार्जिन दोनों पर उल्लेखनीय असर पड़ेगा।।’’ उन्होंने कहा कि हालांकि, लागत आधारित कीमत व्यवस्था की जगह बाजार आधारित कीमत प्रणाली से कुछ पारदर्शिता आने की उम्मीद है और यह दीर्घकालीन नजरिये से औषधि क्षेत्र के लिये बेहतर है। ओपीपीआई में शोध से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय तथा बड़ी दवा कंपनियां शामिल हैं। (एजेंसी)

First Published: Saturday, May 18, 2013, 13:30

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