Last Updated: Wednesday, September 4, 2013, 23:52

मुंबई : रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर के तौर पर आज पदभार संभालने के बाद रघुराम गोविंद राजन द्वारा दिए गए उद्घाटन भाषण की मुख्य बातें।
- नए बैंक लाइसेंस जनवरी, 2014 तक या इसके बाद जल्द ही।
- बिमल जालान बैंकिंग लाइसेंस आवेदकों की जांच करने वाली बाह्य समिति के अध्यक्ष होंगे
- आरबीआई विदेशी बैंकों के घरेलू परिचालनों पर और नियामकीय व निगरानी नियंत्रण चाहता है
- बैंकों को नयी शाखाएं खोलने के लिए आरबीआई की मंजूरी नहीं लेनी होगी
- नपे-तुले ढंग से एसएलआर में कमी का संकेत
- मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा 2 दिन टली क्योंकि सभी घटनाक्रमों पर विचार करने के लिए और समय की जरूरत
- बाजार को सतत रूप से उदार बनाया जाएगा, निवेश पर पाबंदियां हटाई जाएंगी एवं सेबी के साथ मिलकर निर्णय किए जाएंगे।
- आरबीआई की प्राथमिक भूमिका मौद्रिक स्थिरता बनाए रखना, लेकिन वृद्धि दर को गति देना भी महत्वपूर्ण।
- निर्यातकों के लिए वायदा एक्सचेंज के निरस्त सौदों पर पुन:बुकिंग सीमा बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जाएगी।
- आयातकों को भी इसी तरह की 25 प्रतिशत की सीमा तक सुविधा की अनुमति होगी।
- मुद्रा और सरकारी प्रतिभूति बाजारों के विकास के लिए 10 साल की ब्याज दर के वायदा अनुबंधों में नकद निपटान की सुविधा शुरू होगी।
- फौरी लेनदेन में ब्याज दरों पर ब्याज दर वायदा कारोबार शुरू करने की समीक्षा की जाएगी।
- डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल मौद्रिक नीति प्रारूप को मजबूत करने वाली समिति की अगुवाई करेंगे, तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेंगे।
- नाचिकेत मोर की अध्यक्षता में समिति वित्तीय समावेश के प्रति दृष्टिकोण का आकलन करेगी।
- रुपया का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की जरूरत
- बैंकों को बैलेंस शीट साफ रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और जहां भी जरूरी होगा बैंकों को पूंजी जुटाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- ऋण वसूली न्यायाधिकरणों एवं परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों में तेजी लाने की जरूरत।
- ऋण वसूली तंत्र की कार्यक्षमता में सुधार लाने की जरूरत।
- उद्योग के कुप्रबंधन के बावजूद प्रवर्तकों का कंपनी की बागडोर पर पकड़ बनाए रखने का कोई ईश्वरीय अधिकार नहीं।
- प्रवर्तकों को अपने विफल उद्यमों के पुनर्पूंजीकरण के लिए बैंकिंग तंत्र का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं।
- अवरद्ध रिणों की समस्या घबराहट में डालने वाली नहीं।
- रुपये में निपटान पर जोर - चालू खाते के घाटे के वित्त पोषण के लिए सुरक्षित धन लाने में बैंकों को मदद दी जाएगी।
- बैंकों को नए एफसीएनआर बी डॉलर कोषों को 3.5 प्रतिशत की तय दर पर बदलने की सुविधा दी जाएगी।
- शेयर पूंजी के 50 प्रतिशत के बराबर विदेशी उधारी की मौजूदा सीमा बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी।
- मुद्रास्फीति सूचकांक वाले बचत पत्र नवंबर के अंत तक जारी किए जाएंगे जो सीपीआई के नए सूचकांक से संबद्ध होंगे।
- कहीं भी कभी भी भुगतान को वास्तविकता बनाने का लक्ष्य।
- एसएमएस आधारित धन हस्तांतरण प्रणाली का इस्तेमाल करने की संभावना के अध्ययन के लिए एक तकनीकी समिति गठित की जाएगी।
- व्यक्तियों की वित्तीय साख का इतिहास तैयार करने में विशेष पहचान पत्र, आधार के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 4, 2013, 23:52