Last Updated: Sunday, August 25, 2013, 14:01
नई दिल्ली : रुपए में भारी गिरावट के बीच रिजर्व बैंक विदेशी निवेश के संशोधित नियमों के मद्देनजर अपोलो टायर्स सहित सभी लंबित आवेदनों की जांच करेगा।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘विदेशी निवेश से संबंधित सभी लंबित आवेदनों पर फैसला नए नियमों के आधार पर होगा।’ विदेशी मुद्रा के बाह्य प्रवाह पर अंकुश के लिए रिजर्व बैंक ने इसी महीने भारतीय कंपनियों के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (ओडीआई) पर अंकुश लगाए थे।
नए नियमों के तहत कंपनियां स्वत: मंजूर मार्ग से सिर्फ उन्हीं कारोबार का अधिग्रहण कर सकेंगी जो उनके नेटवर्थ के 100 प्रतिशत के बराबर हैं। पहले इसके लिए 400 प्रतिशत की सीमा थी। अब अधिक ओडीआई के लिए रिजर्व बैंक की पूर्वानुमति की जरूरत होगी।
सूत्रों ने कहा कि अपोलो टायर्स 2.5 अरब डॉलर (14,500 करोड़ रुपये) में अमेरिका की कूपर टायर एंड रबड़ कंपनी के अधिग्रहण का आवदेन नए दिशानिर्देश आने से पहले जमा हो चुका था, लेकिन इसकी जांच रिजर्व बैंक दिशानिर्देशों में बदलाव के तहत ही की जाएगी। यह अधिग्रहण अपोलो टायर्स के 450 प्रतिशत नेटवर्थ के बराबर है। ऐसे में यह सौदा अब मंजूरी मार्ग के दायरे में आएगा।
अपोलो टायर्स इस अधिग्रहण के लिए 1.9 अरब डॉलर की राशि अमेरिका में बांड बाजार के जरिये जुटाएगी। सौदे की घोषणा जून में की गई थी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 25, 2013, 14:01