Last Updated: Wednesday, December 7, 2011, 07:22
नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने उम्मीद जताई कि देश में नई आयकर व्यवस्था लागू करने के लिए प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) अप्रैल 2012 से अमल में आ जाएगी। यह 1961 के आयकर कानून का स्थान लेगी।
राजधानी में ‘कर और समानता’ विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा, ‘प्रस्तावित प्रत्यक्ष कर संहिता प्रत्यक्ष करों के संबंध में नीतिगत बदलाव लाएगा। इसे अगले वित्त वर्ष से अमल में लाया जाना है।’ उन्होंने कालेधन की समस्या से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढाने पर भी बल दिया। कर प्रणाली को आधुनिक बनाने के प्रयास के तहत सरकार ने नयी व्यवस्था लाने का प्रस्ताव किया है।
प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने कर चोरी तथा काले धन के मुद्दे से निपटने के लिये चार आयामों वाली रणनीति अपनायी है। रणनीति में काले धन के खिलाफ जारी वैश्विक मुहिम में शामिल होने के साथ कानूनी तथा संस्थागत मसौदा तैयार करना शामिल हैं। मुखर्जी ने कहा कि हालांकि रणनीति का नतीजा दिखने लगा है लेकिन सीमा पार सौदों में जटिलता बढ़ रही है और यह कर प्रशासकों के लिये बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा, ‘कुछ क्षेत्रों में कर प्रणाली में पारदिर्शता के अभाव से चुनौतियां बढ़ रही हैं। जी-20 द्वारा उठाये गये कदमों के बाद इसमें कुछ चीजें सुधरी हैं। हमें इसे परिणति तक पहुंचाने की जरूरत है।’ देश में कर सुधारों का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने कहा कि भारत इस दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार करदाताओं को बेहतर सेवा देने पर भी ध्यान दे रही है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 7, 2011, 13:12