Last Updated: Tuesday, October 1, 2013, 18:56
नई दिल्ली: केंद्रीय खाद्य मंत्री के वी थॉमस ने राज्य सरकारों से कहा कि चे खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए लाभार्थियों की सही पहचान, अनाज भंडारण क्षमता का निर्माण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए लोगों के दरवाजे तक अनाज पहुंचाने की व्यवस्था, इन तीन अहम मुद्दों का समाधान निकालें।
यहां राज्यों के खाद्य मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच व्यापक समन्वय और सहयोग का आह्वान किया ताकि खाद्य सुरक्षा कानून को उसके सच्चे अर्थ में लागू किया जा सके। दिन भर के इस सम्मेलन में नये कानून को लागू करने को लेकर राज्य सरकारों की चिंताओं पर विचार विमर्श किया जा रहा है। 20 राज्यों के खाद्य मंत्री उपस्थित थे जबकि भाजपा शासित गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ इससे अनुपस्थित रहे।
थॉमस ने कहा कि इस कानून को सफलतापूर्वक अमल करने के लिए एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण मसला लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत लाभार्थियों की शिनाख्त है। अगला महत्वपूर्ण मुद्दा खाद्यान्नों की दरवाजे पर पहुंचाना और तीसरा विभिन्न स्तरों पर वैज्ञानिक भंडारण क्षमता का सृजन है।
थॉमस ने कहा कि खाद्य कानून को लागू करने में राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्यों को सबसे पहले लाभार्थियों की सही पहचान करनी होगी और साथ ही उचित एवं पारदर्शी मानदंड विकसित करने होंगे। थॉमस ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखें कि निष्पक्षता और पारदर्शिता की कमी के कारण शिनाख्त करने की पूरी की पूरी प्रक्रिया अर्थहीन हो जायेगी और इसके अलावा इसकी कानूनी समीक्षा की नौबत भी आ सकती है।
खाद्यान्नों को दरवाजे पर पहुंचाने के बारे में उन्होंने राज्य सरकारों को इस संदर्भ में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बारे में याद दिलाया। उन्होंने कहा कि घर के दरवाजे तक खाद्यान्न पहुंचाने के लिए आधारभूत ढांचा स्थापित करने और खामियों को दुरस्त करने और खाद्यान्नों के विपथन को रोकने के लिए कदम उठाये जाने चाहिए।
थॉमस ने कहा कि पीडीएस लाभार्थियों को दरवाजे पर खाद्यान्नों को पहुंचाना उचित मूल्य दुकान (एफपीएस) की व्यवहार्यता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एफपीएस डीलरों को पहले से कम मार्जिन मिलता है और ऐसे में अतिरिक्त जिम्मेदारी से उनका लाभ और सिमटेगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 1, 2013, 18:56