Last Updated: Monday, January 2, 2012, 12:08
नई दिल्ली : अमेरिका और यूरोप के बाजारों में आर्थिक नरमी का असर देश के निर्यात पर साफ देखा जा सकता है। प्रमुख विदेशी बाजार में मांग घटने से नवंबर 2011 में निर्यात महज 3.8 फीसदी बढ़कर 22.3 अरब डालर का रहा। सितंबर में निर्यात की वृद्धि दर 36.3 प्रतिशत, जबकि अक्तूबर में करीब 11 प्रतिशत थी।
वाणिज्य मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक नवंबर, 2011 में हालांकि, आयात 24.5 फीसदी बढ़कर 35.9 अरब डालर पर पहुंच गया। नवंबर 2010 में निर्यात 21.2 अरब डालर का था और आयात 28.8 अरब डालर पर।
भारतीय निर्यात संगठनों के परिसंघ (फियो) के अध्यक्ष रामू एस देवड़ा ने कहा कि सारी मुश्किलों और निराशजनक वैश्विक हालात के बावजूद हम चालू वित्त वर्ष के अंत तक हम 275 अरब डालर के स्तर पर पहुंच सकेंगे। वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने कहा था कि प्रमुख यूरोपीय बाजारों में नरमी के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए कुल निर्यात करीब 280 अरब डालर का रहेगा, जबकि 2011-12 के लिए 300 अरब डालर का लक्ष्य रखा गया था। पिछले महीनों में बेहतर प्रदर्शन के कारण भारत का निर्यात अप्रैल से नवंबर 2011-12 के दौरान सालाना स्तर पर 33.2 फीसदी बढ़कर 192.6 अरब डालर हो गया।
चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीने के दौरान आयात भी 30.2 फीसदी बढ़कर 309.5 अरब डालर का हो गया जिससे व्यापार घाटा 116.8 अरब डालर का हो गया। नवंबर में तेल आयात 32.2 फीसदी बढ़कर 10.3 अरब डालर का हो गया। गैर तेल आयात 21.69 फीसद बढ़कर 25.6 अरब डालर का हो गया। अप्रैल से नवंबर के दौरान तेल आयात 42.67 फीसदी बढ़कर 94.1 अरब डालर का हो गया जबकि गैर तेल आयात 25.4 फीसदी बढ़कर 215.4 अरब डालर का हो गया।
(एजेंसी)
First Published: Monday, January 2, 2012, 17:38