Last Updated: Friday, October 19, 2012, 22:16
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नई दिल्ली : निजी क्षेत्र की संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइंस का लाइसेंस निलंबित होने की संभावना बढ़ रही है। एयरलाइन ने अपनी तालांबदी की अवधि को 20 अक्टूबर से बढ़ाकर 23 अक्टूबर कर दिया है। हालांकि, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा इस संबंध में भेजे गये कारण बताओ नोटिस का कंपनी ने जवाब दे दिया है।
एयरलाइन के जवाब पर आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि डीजीसीए इस बारे में विधि विशेषज्ञों से विचार विमर्श कर रहा है कि किंगफिशर के खिलाफ क्या कार्रवाई हो। उसका उड़ान लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जाए। किंगफिशर पिछले 21 दिन से जारी गतिरोध को सुलझा पाने में विफल रही है। उसके पायलट और इंजीनियर सात माह से वेतन नहीं मिलने के विरोध में हड़ताल पर हैं।
एक सूत्र ने कहा कि हम इस पर जल्द राय बनाएंगे। संभवत: एकाध दिन में। यह पूछे जाने पर कि क्या एयरलाइन का लाइसेंस निलंबित हो सकता है, उन्होंने हां में जवाब दिया। जिन विकल्पों पर विचार हो रहा है उनमें उड़ान लाइसेंस निलंबित करना या फिर एयरलाइन को कुछ और समय देना है।
डीजीसीए ने विजय माल्या की अगुवाई वाली कंपनी को 5 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था क्यों न उसका उड़ान लाइसेंस निलंबित या रद्द कर दिया जाए, क्योंकि वह अपनी उड़ान समयसारिणी का पालन नहीं कर रही है और बार-बार मनमाने तरीके से उड़ानें रद्द कर रही है।
डीजीसीए ने एयरलाइन को इसका जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया था, जो 20 अक्टूबर को पूरा होना है। इंजीनियरों और पायलटों की हड़ताल की वजह से किंगफिशर ने 28 सितंबर को 4 अक्तूबर तक के लिए तालाबंदी की घोषणा की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 12 अक्टूबर और फिर 20 अक्टूबर कर दिया गया।
एयरलाइंस ने उम्मीद जताई है कि डीजीसीए द्वारा उसका परिचालन फिर शुरू करने की योजना को मंजूरी के बाद वह 6 नवंबर से परिचालन फिर शुरू कर सकेगी। किंगफिशर के एक अधिकारी ने कहा कि हमने डीजीसीए के कारण बताओ नोटिस का आज जवाब दे दिया। अधिकारी ने बताया कि इन मुद्दों के सुलझने के बाद कंपनी अपना परिचालन दोबारा शुरू करने की योजना सौंपेगी। आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि किंगफिशर डीजीसीए की मंजूरी के बगैर दोबारा परिचालन शुरू नहीं कर सकती है। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 19, 2012, 22:16