निवेशकों को भारत से ज्यादा उम्मीदें : कमल नाथ

निवेशकों को भारत से ज्यादा उम्मीदें : कमल नाथ

निवेशकों को भारत से ज्यादा उम्मीदें : कमल नाथदावोस : शहरी विकास एवं संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने भारत में नीतिगत निष्क्रियता को खारिज करते हुए आज कहा कि दरअसल देश-विदेश के निवेशकों को भारत से काफी उम्मीदें हैं इसलिए नीतिगत पहल करने में कुछ दिनों के ठहराव को भी निष्क्रियता मान लिया जाता है।

विश्व आर्थिक मंच की बैठक (डब्ल्यूईएफ) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कमलनाथ ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत ने सुधारों को बढ़ाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। यहां तक कि यूरोप और अमेरिका में भी इतने सुधार नहीं हुए हैं जितने कि भारत में हुए। नाथ ने कहा, ‘भारत में हाल के दिनों में भारी संख्या में सुधार हुए हैं और यह किसी भी देश के लिए सबसे बड़ी पहल होगी। किसी भी देश चाहे अमेरिका हो या यूरोप कहीं भी इतना उदारीकरण नहीं हुआ जितना भारत में हुआ है।’

उन्होंने कहा, ‘यूरोप में दबाव का कुछ असर हुआ इसलिए कुछ समय के ठहराव को निष्क्रियता के तौर पर देखा जाने लगा। यह गलत संकेत था जिसे ठीक करने की जरूरत है।’ वह मंच की बैठक के दौरान सीआईआई और बोस्टन कंसल्टिंग समूह द्वारा आयोजित सत्र में बोल रहे थे। नाथ ने इस सवाल के जवाब में कि भारत के बुनियादी ढांचा और अन्य क्षेत्रों में और अधिक विदेशी निवेश क्यों नहीं आ रहा है? उन्होंने कहा कि निवेशक भारत से बहुत अधिक उम्मीद करते हैं।

संसदीय मामलों के मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे कमल नाथ ने कहा, ‘एक धारणा विकसित हो गई है कि या तो वृद्धि की बहार या फिर मंदी। भारत से उम्मीद के मामले में कोई मध्य मार्ग नहीं है इसलिए थोड़े से ठहराव को निराशा के तौर पर देखा गया। इसकी वजह से कंपनियों के मुनाफे में आई थोड़ी सी गिरावट को बहुत खराब स्थिति के तौर पर देखा गया क्योंकि पहले वृद्धि बहुत अधिक थी।’ उन्होंने कहा कि भारत को अगले पांच साल में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 1,000 अरब डालर के निवेश की उम्मीद है ताकि आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित किया जा सके। (एजेंसी)

First Published: Thursday, January 24, 2013, 18:36

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