Last Updated: Monday, July 30, 2012, 23:17
मुंबई : मंद पड़ती आर्थिक वृद्धि से चिंतित रिजर्व बैंक ने सरकार से कहा है कि उसे निवेश बढ़ाने के लिये प्रोत्साहन देने और सब्सिडी में कटौती के लिये पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ाने जैसे त्वरित कदम उठाने चाहिए।
रिजर्व बैंक की आज जारी वृहत आर्थिक और मौद्रिक विकास रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों की बिक्री और मुनाफा कम हुआ है। आने वाले दिनों में इसका निवेश पर असर पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में सार्वजनिक निवेश खर्च को प्रोत्साहन देकर निजी निवेश मांग बढ़ाई जा सकती है और दूसरी तरफ सब्सिडी खर्च में तेजी से कटौती कर आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सकता है।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि निवेश में कमी के पीछे केवल उंची ब्याज दरें ही एकमात्र वजह नहीं हो सकती, क्योंकि संकट से पहले की अवधि में ब्याज दरें उच्चस्तर पर रहने के बावाजूद निवेश अधिक हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ढांचागत क्षेत्र की कमियों को दूर कर निवेश माहौल में तेजी से सुधार लाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अड़चनों को भी दूर किया जाना चाहिए।
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि सरकार ने वर्ष 2008 में संकट के समय उद्योगों को जिस तरह का प्रोत्साहन पैकेज दिया था वर्तमान में ऐसे प्रोत्साहन देना सरकार के लिये संभव नहीं है। बैंक ने दीर्घकालिक वित्तीय मजबूती के रास्ते पर लौटने पर जोर देते हुये कहा है कि वित्तीय घाटा ज्यादा रहने से निजी निवेश मांग पर और बुरा असर पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सब्सिडी कम करने की आवश्यकता है। सरकार को अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल मूल्यों के अनुरूप घरेलू बाजार में इनके मूल्य तय करने चाहिये, इसके बिना वित्तीय घाटे को तय अनुमान के भीतर रखना मुश्किल होगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 30, 2012, 23:17