नैवेली लिग्नाइट के 5 फीसदी विनिवेश को मंजूरी

नैवेली लिग्नाइट के 5 फीसदी विनिवेश को मंजूरी

नई दिल्ली : आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने शुक्रवार को नैवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन (एनएलसी) के पांच फीसदी विनिवेश को मंजूरी दे दी। इससे सरकार को 466 करोड़ रुपये हासिल होंगे।

विनिवेश विभाग (डीओडी) ने तमिलनाडु की खनन कम्पनी के 7.8 करोड़ से अधिक शेयर या पांच फीसदी हिस्सेदारी शेयरों की नीलामी (ओएफएस) के जरिए बेचने की अनुमति हासिल करने के लिए इस मुद्दे को मंत्रिमंडल में ले गई थी। इस विनिवेश से कम्पनी में सरकार की हिस्सेदारी घटकर 88.56 फीसदी रह जाएगी।

इस महीने के शुरू में सीसीईए ने इस मुद्दे पर फैसले को आगे के लिए टाल दिया था। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर इस विनिवेश का विरोध किया था। फैसले की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि विनिवेश जरूरी है।

सीसीईए की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि यह नवरत्न कम्पनी है और इस हिस्सेदारी बिक्री से इस कम्पनी का सरकारी चरित्र नहीं बदलेगा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयर बाजारों में सूचीबद्ध सभी सरकारी कम्पनियों के लिए आम निवेशकों की हिस्सेदारी न्यूनतम 10 फीसदी तक बढ़ाने की समय सीमा अगस्त 2013 तय की है। (एजेंसी)

First Published: Friday, June 21, 2013, 19:55

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