Last Updated: Friday, September 21, 2012, 22:51

हैदराबाद : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के चेयरमैन सी. रंगराजन ने उन आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया कि आधुनिक तथा संगठित खुदरा व्यापार के बढ़ने के साथ पास पड़ोस की छोटी किराना दुकानें बंद हो जाएंगी।
रंगराजन ने यहां एक संगोष्ठी में कहा, `छोटे व्यापारी बने रहेंगे। वस्तुत: अंतरराष्ट्रीय अनुभव दिखाता है कि विकसित देशों में जहां बड़े-बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर हैं वहां भी पास पड़ोस की किराना दुकानें गायब नहीं हुई हैं। वे कायम हैं।` उन्होंने कहा कि किराना स्टोरों या परचून की दुकानों का अस्तित्व बना रहेगा और वह आधुनिक खुदरा कारोबार का हिस्सा बन सकते हैं। इसके लिए उन्हें खुद को संगठित करना होगा और संगठित क्षेत्र से जुड़ना होगा।
रंगराजन ने कहा, `किराना स्टोर तथा फेरी वाले आधुनिक खुदरा शृंखला का हिस्सा बन सकते हैं अगर वे खुद को संगठित खुदरा क्षेत्र के साथ जोड़ते हैं, फ्रेंचाइजी आदि के जरिए उनके बैनर के तले खुद को संगठित कर सकते हैं, पूंजी तथा बेहतर प्रशिक्षण के जरिए खुद को अपग्रेड कर सकते हैं।` उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य बाजार क्षेत्र में आधुनिक खुदरा फर्मों की भागीदारी लगभग 25-30 प्रतिशत तक पहुंचने के बाद इसका असर किराना व छोटे व्यापारियों पर पड़ना स्वाभाविक है। औद्योगिक अनुमानों के अनुसार भारत में संगठित खुदरा कारोबार इस समय पांच प्रतिशत से कम है। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 21, 2012, 22:51