Last Updated: Friday, July 13, 2012, 18:42

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विवादास्पद सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम (गार) के नये दिशानिर्देश तैयार करने के लिए आज एक समिति का गठन किया जो इसके कार्यान्वयन के लिए 30 सितंबर तक पूरा खाका तैयार करेगी।
प्रधानमंत्री ने इस समिति का गठन ऐसे समय किया है जबकि पखवाड़ा भर पहले ही वित्त मंत्रालय ने गार पर मसौदा दिशा निर्देश जारी कर दिये थे।
सिंह ने जो चार सदस्यीय समिति गठित की है उसकी अध्यक्षता आईसीआरआईईआर के प्रमुख तथा कर विशेषज्ञ पार्थसारथी शोम करेंगे। समिति सभी भागीदारों से विचार विमर्श कर उनकी राय लेने के बाद अपनी रपट दाखिल करेगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है, प्रधानमंत्री ने गार पर विशेष समिति के गठन को मंजूरी दी है जो सभी संबद्ध पक्षों से विचार विमर्श करेगी और गार दिशा निर्देशों को अंतिम रूप देगी। इसमें कहा गया है, समिति परामर्श प्रक्रिया का प्रबंधन करेगी और मसौदा गार दिशा निर्देशों को अंतिम रूप देगी। वित्त मंत्रालय ने पखवाड़ा भर पहले ही मसौदा दिशा निर्देश जारी किए थे। लेकिन, वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे प्रधानमंत्री सिंह ने खुद को इससे अलग करते हुए कहा था कि उन्होंने इसे मंजूरी नहीं दी।
तत्कालीन वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने 2012-13 के बजट में गार का प्रस्ताव किया था ताकि कर चोरी पर काबू पाया जा सके। हालांकि विदेशी निवेशकों के विरोध को देखते हुए इसका कार्यान्वयन अगले साल अप्रैल तक टाल दिया गया।
समिति प्राप्त विचारों और टिप्पणियों के आधार पर 31 अगस्त तक फिर से नया मसौदा जारी करेगी और उसपर संबद्ध पक्षों और जनता से उनके विचार एवं टिप्पणियां आमंत्रित करेगी। समिति की नियमशतोर्ं के अनुसार दिशानिर्देशों के दूसरे मसौदे पर समिति व्यापक विचार विमर्श करेगी और इन्हें अंतिम रुप देने के साथ साथ इनके क्रियान्वयन का रास्ता भी तय करेगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 13, 2012, 18:42