Last Updated: Thursday, August 29, 2013, 21:40

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्र सरकार को प्याज की कीमतें कम करने के लिए यथोचित उपाय करने का निर्देश दिया ताकि आम लोगों को राहत मिल सके।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश बीडी अहमद एवं न्यायाधीश विभू बाखरू ने एक जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए यह निर्देश दिए। जनहित याचिका में सरकार पर प्याज की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए कोई उपाय न किए जाने का आरोप लगाया गया था। अतिरिक्त महान्यायभिकर्ता राजीव मेहरा ने सरकार की तरफ से न्यायालय को आश्वस्त किया कि सरकार प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए प्रमुख उपाय कर रही है।
मेहरा ने कृषि मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट पेश की और न्यायालय को बताया कि प्याज की कीमतें प्याज के उत्पादन एवं बाजार में उपलब्धता पर निर्भर करती हैं। मेहरा ने आगे बताया कि प्याज की कीमतें हर वर्ष सितंबर से नवंबर के बीच सर्वाधिक रहती हैं, तथा जनवरी से मार्च के बीच कम हो जाती हैं।
मेहरा ने न्यायालय के आगे बताया कि केंद्र सरकार ने देश में प्याज के सर्वाधिक उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की राज्य सरकार से दिल्ली को प्याज की आपूर्ति करने का निवेदन किया है। यह जनहित याचिका समाजिक कार्यकर्ता पूनम जैन ने दाखिल की थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 29, 2013, 21:40