प्याज के दाम का अनुमान लगाना मुश्किल: पवार

प्याज के दाम का अनुमान लगाना मुश्किल: पवार

नई दिल्ली : प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल के बीच कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि वह यह बताने में समर्थ नहीं होंगे कि प्याज के दाम कब नीचे आयेंगे क्योंकि बारिश की वजह से प्रमुख उत्पादक राज्यों से प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है।

प्याज की कीमतें अब भी आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं, हालांकि, नाफेड को प्याज का आयात करने की अनुमति देने जैसे सरकारी उपायों के बाद देशभर के थोक व खुदरा बाजारों में प्याज की कीमतों में नरमी आनी शुरू हो गई है।

राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की कीमतें सोमवार को घटकर 60 रपये प्रति किलो पर आ गईं जो पिछले सप्ताह 80 रपये प्रति किलो के स्तर पर थीं। वहीं नासिक के लासलगांव में प्याज के थोक भाव घटकर 35.65 रुपये प्रति किलो पर आ गए हैं जो इससे पहले 55 रुपये किलो पर पहुंच गए था।

यह पूछे जाने पर कि प्याज की कीमतें कब घटेंगी, पवार ने कहा कि मुझे कीमतों के बारे में पता नहीं, पर फसल की स्थिति के बारे में पता है। नासिक में फसल सूखे की वजह से प्रभावित हुई है। लेकिन, आज के हिसाब से कुल मिलाकर फसल की स्थिति अच्छी है।

यहां आईसीएआर के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने संवाददाताओं को बताया, ‘‘ महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आवक कभी भी हो सकती है, लेकिन बारिश की वजह से इन राज्यों को परिवहन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।’’ इससे पहले, मंत्री ने कहा था कि प्याज की कीमतों में तेजी एक ‘अस्थायी स्थिति’ है और प्रमुख राज्यों से आवक शुरू होते ही कीमतों में नरमी आएगी।

कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार ने हाल ही में 650 डालर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य तय किया और नाफेड को प्याज का आयात करने का निर्देश दिया।

उल्लेखनीय है कि भारत ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 776.47 करोड़ रपये मूल्य का 5,11,616 टन प्याज का निर्यात किया जो बीते साल की इसी अवधि में 5,17,274 टन रहा था। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 19, 2013, 15:39

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