Last Updated: Friday, September 28, 2012, 18:14

नई दिल्ली : रेटिंग एजेंसी फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान शुक्रवार को घटाकर छह प्रतिशत कर दिया। इससे पहले फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताया था।
फिच ने अपनी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा, भारत का आर्थिक परिदृश्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। वित्त वर्ष 2012-13 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटाकर छह प्रतिशत किया जाता है जो पहले 6.5 प्रतिशत था।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर तीन साल के निचले स्तर 5.3 प्रतिशत पर आ गई। वहीं, बीते वित्त वर्ष में वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ गई।
फिच ने कहा कि उच्च राजकोषीय घाटा को देखते हुए राजकोषीय ढील देने व खर्च बढ़ाने के लिए सरकार के पास बहुत कम गुंजाइश है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि खर्च के हिसाब से जीडीपी के विवरण से पता चलता है कि घरेलू मांग में ठहराव आ रहा है। अप्रैल.जून तिमाही में स्थिर निवेश साल दर साल महज 0.7 प्रतिशत बढ़ा, जबकि निजी खपत साल दर साल के लिहाज से 4 प्रतिशत बढ़ी।
फिच ने कहा कि कमजोर निवेश से आपूर्ति क्षमता प्रभावित हो रही है और इससे कमजोर आर्थिक वृद्धि के परिदृश्य का संकेत मिलता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 28, 2012, 18:14