Last Updated: Thursday, March 28, 2013, 18:28
श्रीनगर : संसद पर हमले के अभियुक्त अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के बाद अलगाववादी संगठनों की हड़ताल तथा कर्फ्यू से जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है और उद्योग जगत 4,500 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगा रहा है।
अफजल गुरु को 9 फरवरी को दिल्ली में फांसी दे दी गई थी। उसके बाद 26 दिनों तक हड़ताल और कर्फ्यू के चलते राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले पर्यटन तथा हस्तशिल्प क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। व्यापारिक समुदाय का दावा है कि अलगाववादियों की हड़ताल तथा अधिकारियों द्वारा लगाए गए कर्फ्यू के कारण हर दिन 175 से 200 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
कश्मीर चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अब्दुल हमीद पंजाबी ने बताया, `कश्मीर में बंद आदि का नुकसान व्यापारिक समुदाय को हुआ है। कमाई के मोर्चे पर तो नुकसान है ही, कर्मचारियों के वेतन, बंक ब्याज तथा बाकी खर्च के कारण भी पैसा लग रहा है।` पंजाबी तथा अन्य उद्योगपतियों का मानना है कि हड़ताल आदि के कारण अब तक अर्थव्यवस्था को औसतन 4,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। औसतन हर दिन बिक्री पर 10 करोड़ रुपए का मुनाफा होता है।
वहीं राज्य के वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हड़ताल के कारण सरकारी खजाने को हर दिन मिलने वाला अनुमानित 170 करोड़ रुपया रुक जाता है। यह आय बिक्री कर तथा अन्य मदों में होती है। अफजल गुरु को फांसी के बाद कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए जहां अधिकारियों ने कर्फ्यू लगाया वहीं अलगाववादियों ने 13 दिन तक हड़ताल रखी। पंजाबी ने कहा कि सबसे अधिक मार पर्यटन तथा हस्तशिल्प क्षेत्र पर पड़ी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 28, 2013, 18:28