Last Updated: Wednesday, January 18, 2012, 10:53
नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सरकार की ओर से ठोस नीतिगत पहल की बेसब्री से उम्मीद कर रहे उद्यमियों के समक्ष स्वीकार किया कि पिछले एक साल से आर्थिक परिस्थिति में कुछ खास बदलाव नहीं लाया जा सका है। साथ ही उन्होंने वायदा किया कि हालात को संभालने और सुधारने के लिए आगामी बजट में उपाय किए जाएंगे। हालात नहीं बदले हैं और उन्हें आगामी आम बजट में आर्थिक लक्ष्यों में हुई चूक पर ध्यान देना होगा।
मुखर्जी आज यहां देश के शीर्ष उद्योगमंडल फिक्की की 84वीं सालाना आम बैठक में यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही (जनवरी-मार्च) तिमाही अर्थव्यवस्था के लिए कठिन समय है और चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि साढे़ सात प्रतिशत से नीचे जा सकती है। वित्त मंत्री ने कहा कहा, ‘मुझे साल के इस मुकाम पर यह जरूर स्वीकार करना चाहिए कि मैं अपने आप को उसी (पिछले साल इसी समय की) स्थिति में पाता हूं।’
वित्त मंत्री ने भरोसा दिलाया कि आर्थिक हालात सुधारने और भविष्य के लिए आधार ठोस बनाने के लिए आगामी आम बजट में उपाय किए जाएंगे। बजट मध्य मार्च में पेश किया जाना है। वित्तमंत्री ने कहा, ‘अब मैं अगले साल का आम बजट तैयार करने जा रहा हूं। मुझे पिछले महीनों के घटनाक्रमों पर विचार करना है। जहां चूक और कमी हुई है उसको ठीक करना है तथा जो हासिल हुआ है उसे आने वाले वर्षों में और ठोस आधार प्रदान करने के लिए उपाय ढूंढने हैं।’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही मुश्किल है। वित्त वर्ष 2011-12 में हमारी वृद्धि दर 7.5 फीसद या इससे कम हो सकती है।’ पिछले साल जीडीपी वृद्धि 8.5 थी। उन्होंने कहा कि चालू वितत वर्ष में केंद्र सरकार के खजाने की स्थिति भी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही की स्थिति से राजस्व की प्राप्ति और व्यय के अनुमानों के लिए जोखिम पैदा हो गया है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 18, 2012, 16:43