बसु ने लचीले श्रम कानूनों पर दिया जोर

बसु ने लचीले श्रम कानूनों पर दिया जोर

नई दिल्ली : विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने देश में श्रम कानूनों को लचीला बनाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि कड़े कानून की वजह से देश की वृद्धि दर प्रभावित हो रही है।

बसु ने विश्व बैंक के एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय श्रम बाजार में जरूरत से ज्यादा नियमन हैं। देश के सख्त श्रम कानून की वजह से वृद्धि दर प्रभावित हो रही है। लचीले श्रम कानूनों से संगठित तथा असंगठित क्षेत्र दोनों को फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि मौजूदा नियमन ढांचे में श्रम बाजार को लचीला बनाना समय की जरूरत है। बसु ने कहा कि यदि हम कानूनी वातावरण बनाते हैं, तो श्रमिकों की काफी मांग होगी। ऐसे में हमें नियमन ढांचे नहीं श्रम बाजार में लचीलेपन की जरूरत है। हालांकि, हम पूरी तरह मुक्त श्रम बाजार नहीं चाहते हैं। भारत में श्रम सुधार लंबे समय से लंबित हैं। कई श्रम कानूनों में संशोधनों को संसदीय मंजूरी का इंतजार है।

इससे पहले बसु वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार थे। उन्होंने आगे कहा कि विनिर्माण क्षेत्र की नौकरियां धीरे-धीरे विकसित देशों से विकासशील देशों को स्थानांतरित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि नौकरियां चलती रहती हैं। यह औद्योगिक देशों को याद दिलाना है कि वे संरक्षणवाद में न उलझें। यह अमीर देश के लिए अच्छा नहीं है, गरीब देश के लिए भी नहीं। (एजेंसी)

First Published: Monday, November 5, 2012, 16:00

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