बिजली की दरें बढ़ाओ, घाटा कम करो: मोंटेक सिंह अहलूवालिया

बिजली की दरें बढ़ाओ, घाटा कम करो: मोंटेक सिंह अहलूवालिया

बिजली की दरें बढ़ाओ, घाटा कम करो: मोंटेक सिंह अहलूवालियानई दिल्ली : योजना आयोग ने राज्यों से कहा है कि वे बिजली की दरों में इजाफा करें तथा साथ ही बिजली सब्सिडी का इस्तेमाल आवश्यक सेवाओं मसलन पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए करें।

आयोग की दलील है कि बिजली दरों को तर्कसंगत बनाकर ही संकटग्रस्त बिजली क्षेत्र का टिकाउ विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। समावेशी विकास के लिए इस क्षेत्र का आगे बढ़ना जरूरी है।

योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने आज राज्यों के उर्जा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, मौजूदा स्थिति में सुधार दरों में वृद्धि तथा कुल तकनीकी तथा वाणिज्यिक (एटीएंडटी) नुकसान को कम कर किया जा सकता है।

उन्होंने ऐसे राज्यों को आगाह किया जो नियमित आधार पर बिजली शुल्कों में वृद्धि नहीं कर रहे हैं कि उन्हें काफी बड़ा समायोजन करने की जरूरत पड़ेगी। अहलूवालिया ने कहा कि बहुत से ऐसे राज्य जिन्होंने लगातार 10 साल तक दरों में समोयोजन नहीं किया है, उन्हें इसको 60 फीसदी तक समायोजित करने की जरूरत होगी।

उन्होंने कहा कि बिजली तथा उर्जा क्षेत्र के बारे में हमें यह समझना होगा कि यदि हम समावेशी विकास हासिल करना चाहते हैं तो बिजली क्षेत्र को आर्थिक दृष्टि से टिकाउ बनाना होगा।
अहलुवालिया ने कहा कि आर्थिक दृष्टि से टिकाउ माडल में सब्सिडी सिर्फ कुछ वर्गों के लोगों के लिए होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यों को बिजली की सब्सिडी पर धन बेकार नहीं करना चाहिए, बल्कि इसका इस्तेमाल आवश्यक सुविधाएं मसलन पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य पर करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि शायद यही वजह है कि बिजली क्षेत्र में हम सालाना 70,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठा रहे हैं। अहलूवालिया ने कहा कि दरों में बढ़ोतरी तथा घाटे को कम कर राज्य अपने चालू घाटे को टिकाउ स्तर पर ला सकेंगे।

योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में घाटे को कम करने के लिए फ्रेंचाइजी लाने की भी वकालत की। उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि वे बिजली क्षेत्र में ईंधन आपूर्ति समस्याओं को हल करने में भूमिका निभाएं। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 17, 2012, 23:29

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