बीते साल रही 12000 मेगावाट बिजली की कमी

बीते साल रही 12000 मेगावाट बिजली की कमी

नई दिल्ली : देश में 2012-13 के दौरान व्यस्त समय में बिजली की आपूर्ति मांग की तुलना में 12,000 मेगावाट से अधिक कम रही। केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिण भारत रहा। वहां व्यस्त समय में बिजली की उपलब्धता 31,586 मेगावाट की रही, जबकि कमी 6,052 मेगावाट की रही। सीईए के एक अधिकारी ने कहा कि गैस, कोयले की कमी तथा बारिश कमजोर रहने से पूर्वी तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में बिजली की कमी रही।

अगर राज्यों की बात की जाए, तो व्यस्त समय में सबसे ज्यादा बिजली संकट जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा बिहार में रहा। इन राज्यों में साल के दौरान बिजली की कमी 20 फीसद से अधिक की रही। पश्चिमी क्षेत्र छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दमन एवं दीव, दादरा नागर हवेली तथा गोवा में बिजली की कमी डेढ़ प्रतिशत या 589 मेगावाट की रही।

पूर्वी क्षेत्र बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा आदि में बिजली की कमी 7.4 प्रतिशत या 1,240 मेगावाट की रही। उत्तरी क्षेत्र में इस दौरान बिजली की आपूर्ति मांग की तुलना में 8.9 प्रतिशत कम यानी 4,000 मेगावाट की रही। पूर्वोत्तर क्षेत्र असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा में इस दौरान बिजली की कमी 6.7 प्रतिशत या 134 मेगावाट की रही। (एजेंसी)

First Published: Sunday, April 14, 2013, 14:51

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