Last Updated: Monday, September 24, 2012, 13:38

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली:दिल्ली में कैबिनेट की बैठक में आज कई मुद्दों पर अहम फैसले हो सकते हैं जिसमें बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने को भी मंजूरी दी सकती है।
मौजूदा समय में बचत को बढ़ावा देने के लिए बैंक के बाद जीवन बीमा क्षेत्र दूसरा उपागम है। जीवन बीमा उद्योग के पास निवेश के लिए करीब 13 लाख करोड़ रुपये का कोष है लेकिन इनमें से बुनियादी ढांचा क्षेत्र में केवल 16 से 17 फीसदी का निवेश होता है।
सरकार कुछ बीमा फंडों को बुनियादी ढांचा के विकास में निवेश को निर्देशित कर सकती है, क्योंकि इस क्षेत्र को अगले 5 साल में करीब 1 लाख करोड़ डॉलर की जरूरत होगी। नियामक के दिशानिर्देश के अनुसार बीमा कंपनियां सरकारी प्रतिभूतियों में 50 फीसदी तक निवेश कर सकती हैं, वहीं बुनियादी ढांचा बॉन्डों में 15 फीसदी और कॉरपोरेट बॉन्डों में 35 फीसदी तक का निवेश किया जा सकता है। हालांकि बीमा कंपनियों को केवल एएए या एए बॉन्डों में ही निवेश की अनुमति है।
बीमा कंपनियां चाहती हैं कि नियामक यूलिप के कमीशन में इजाफा करे, क्योंकि 2008-09 के दौरान कंपनियों की कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी थी। लेकिन नियामक की सख्ती के बाद 2011-12 के दौरान इस कारोबार का प्रीमियम घटकर 15 फीसदी रह गया है।
First Published: Monday, September 24, 2012, 10:17