Last Updated: Wednesday, December 19, 2012, 22:07

नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बेहतर कर अनुपालन और कर संग्रह पर जोर देते हुये आज कहा कि इसके लिये कर सूचना प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। वित्त मंत्री आज यहां मंत्रालय से जुड़ी संसदीय सलाहकार समिति की पांचवीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। इसमें विशेषरुप से कर दाताओं के लिये बेहतर सुविधाओं पर विचार विमर्श हुआ।
चिदंबरम ने कहा बेहतर कर अनुपालन और राजस्व बढ़ाने के लिये सरकार करदाताओं को हर संभव बेहतर सेवायें उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा ‘‘हमारा ध्यान हमेशा ही स्थिर कर प्रशासन पर रहा है जो कि करदाता और कर संग्रह करने वाले दोनों के ही हित में है।’’ चिदंबरम ने कहा इस समय देश के करीब 3.5 करोड़ लोग आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं। इनमें से केवल 14.6 लाख करदाताओं ने ही अपनी आय 10 लाख अथवा इससे अधिक घोषित की है। यह वास्तविक नहीं लगता।
वित्त मंत्री ने कहा ‘‘कई विकसित देशों के मुकाबले हमारी आयकर की दर कम है। इस समय हमारी सबसे उंची आयकर की दर 30 प्रतिशत है। ऐसे में बेहतर कर अनुपालन और कर संग्रह की काफी संभावनायें हैं।’’ चिदंबरम ने कहा कि इस समय करीब 50 प्रतिशत लोग अपनी कर रिटर्न इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के जरिये भरते हैं। अधिक से अधिक लोगों को कर रिटर्न इलेक्ट्रोनिक प्रणाली के जरिये भरने की जरुरत है। इससे रिटर्न की जांच और रिफंड प्रक्रिया तेजी से पूरी होगी।
मंत्रालय से जुड़ी सलाहकार समिति की इस बैठक में वित्त राज्य मंत्री एस.एस. पलानीमणिक्कम और नमो नारायण मीणा तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा समिति के अनेक सदस्य उपस्थित थे।
चिदंबरम ने सदस्यों को बताया कि वर्ष 2011-12 में इस समय तक 70,000 करोड़ रुपये की राशि रिफंड की गई। उसमें इससे पिछले वर्ष का बकाया भी शामिल था। चालू वित्त वर्ष में अब तक 57,000 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान प्रत्यक्ष कर वसूली का 5,70,251 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है।
समिति के सदस्यों ने करदाताओं के साथ बेहतर रिश्ते कायम करने के लिये कई तरह के सुझाव दिये। कुछ सदस्यों का कहना था कि बेहतर कर अनुपालन के लिये कर दरों को कम रखा जाना चाहिये। कुछ ने कहा कि रिफंड में देरी पर दिया जाने वाले ब्याज की दर कम से कम बैंकों द्वारा दी जाने वाली दर के बराबर होना चाहिये। कुछ सदस्यों ने अधिक राजस्व प्राप्ति के लिये कर आधार को और व्यापक बनाये जाने पर जोर दिया।
सलाहकार समिति के सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी कर सुविधा केन्द्र खोलने का सुझाव दिया। उनका कहना था कि इससे राजस्व उगाही बढ़ाने में मदद मिलेगी। सदस्यों ने कहा कि बकाया कर के भुगतान के लिये कर जागरुकता अभियान स्थानीय भाषा में भी चलाया जाना चाहिये। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 19, 2012, 22:07