Last Updated: Wednesday, March 14, 2012, 11:03
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कल मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में ब्याज दरों में किसी तरह की कटौती की उम्मीद नहीं है। बैंकों का मानना है कि केंद्रीय बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में पहले ही 0.75 प्रतिशत की कटौती कर दी है, ऐसे में ब्याज दरों में कमी किए जाने की गुंजाइश नहीं है। महत्वपूर्ण दरों में कटौती की गुंजाइश इसलिए भी समाप्त हो गई है कि जनवरी में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही है, जो इससे पिछले महीने सिर्फ 2.5 फीसदी थी। फरवरी माह की महंगाई की दर बढ़कर 6.95 प्रतिशत हो गई है, जो जनवरी में 6.55 फीसद थी।
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि रिजर्व बैंक 15 मार्च को मौद्रिक समीक्षा में और कदम उठाएगा। इसी तरह की राय जाहिर करते हुए सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एमवी तंकसाले ने कहा कि केंद्रीय बैंक संभवत: मध्य तिमाही समीक्षा में मौद्रिक उपकरणों से छेड़छाड़ नहीं करेगा।
हालांकि, कुछ बैंकरों का कहना है कि अब समय आ गया है जब रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए, जिससे वृद्धि दर को बढ़ाया जा सके। इंडसइंड बैंक के प्रमुख (अल्को और आर्थिक एवं बाजार अनुसंधान) मोसेज हार्डिंग ने कहा कि रिजर्व बैंक को तत्काल वृद्धि को बढ़ावा देने वाले रुख को अपनाने की जरूरत है। केंद्रीय बैंक को सीआरआर में कटौती से ध्यान हटाकर ब्याज दरों में कटौती की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 14, 2012, 16:33