Last Updated: Tuesday, May 8, 2012, 17:47
हैदराबाद : भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि आने वाले समय में मुद्रास्फीतिक दबाव को देखते हुए ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश कम है। केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण ने यहां फिक्की की एक बैठक के मौके पर संवाददाताओं से कहा कि हमने अप्रैल में ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू किया। लेकिन यदि आप हमारे मुद्रास्फीति के अनुमान को देखें तो मध्यम से दीर्घावधि में मुद्रास्फीतिक दबाव बरकरार है। इस तरह ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश नहीं दिखती। उन्होंने कहा कि हालांकि वृद्धि और महंगाई का संतुलन सकारात्मक तरीके से बदल रहा है, मध्यम से दीर्घावधि में मुद्रास्फीतिक दबाव कायम है।
करीब तीन साल बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने पिछले महीने लघु अवधि की ऋण दरों को आधा फीसद घटाकर 8 प्रतिशत किया था। इससे पहले मार्च में केंद्रीय बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.75 फीसद की कटौती की थी। इससे बैंकिंग तंत्र को 48,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध हुई थी।
रुपये में आ रहे उतार चढ़ाव के बारे में गोकर्ण ने कहा कि रिजर्व बैंक इसके लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं इस पर कोई अनुमान नहीं लगाउंगा कि कब क्या होगा। हम बाजार स्थिति के अनुसार कदम उठाएंगे।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 8, 2012, 23:17