Last Updated: Thursday, January 5, 2012, 13:42
नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक आफ इंडिया ने गुरुवार को कहा कि अगले दो तीन महीनों में मुद्रास्फीति में कमी को देखते हुये निकट भविष्य में ब्याज दरों में करीब एक फीसदी कटौती हो सकती है।
बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एमवी नायर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यदि मार्च तक मुद्रास्फीति छह से सात फीसद पर आती है तो ब्याज दरों में कटौती की पूरी संभावना है। इसमें मुख्य भूमिका आरबीआई की इस महीने होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा की होगी।
उन्होंने कहा कि कोई बड़ी घटना न हुई तो ब्याज दर कम से कम एक फीसदी घटनी चाहिए। उनकी टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जबकि 24 दिसंबर को समाप्त तिमाही के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति घटकर शून्य से 3.36 फीसदी नीचे आ गई है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन समेत विशेषज्ञों ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति की गिरावट सकल मुद्रास्फीति को मार्च तक सात फीसद से नीचे ले आएगी।
नायर ने कहा कि ब्याज दरें उच्च स्तर पर होने के कारण परिसंपत्ति की गुणवत्ता प्रभावित होती है और यह अच्छा नहीं है। आरबीआई ने मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए मार्च 2012 से 13 बार ब्याज दरों में वृद्धि की थी। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक वाणिज्यिक बैंकों की आधार दर 10 से 10.75 फीसदी है। नायर ने रुपये में भारी गिरावट के बारे में भी चिंता जाहिर की जो 2011 के दौरान अमेरिकी डालर के मुकाबले 15 फीसद कमजोर हुआ है।
उन्होंने कहा कि रुपये में कमजेारी का बैंकों की परिसंपत्ति की गुणवत्ता :एनपीए: पर निश्चित तौर पर असर होगा।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, January 5, 2012, 19:12