ब्रिक्स में वैश्विक बाजारों में स्थायित्व पर जोर

ब्रिक्स में वैश्विक बाजारों में स्थायित्व पर जोर

ब्रिक्स में वैश्विक बाजारों में स्थायित्व पर जोर डरबन : ब्रिक्स व्यावसायिक फोरम से जुड़ी उद्योग जगत की हस्तियों ने उभरते विकासशील देशों की अपनी सरकारों से कहा है कि वे वैश्विक वित्तीय बाजारों में स्थायित्व और विश्वसनीयता के लिये आर्थिक नीतियों के बारे में आपसी विचार विमर्श को और गहराई तक ले जायें।

पांचवे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के अवसर पर यहां हुई ब्रिक्स व्यावसायिक फोरम की बैठक के बाद जारी सुझावों में कहा गया है कि हम अपनी अपनी सरकारों की ओर से जी20 के तहत किये गये प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं। जी20 महत्वपूर्ण वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों के मामले में एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है।

फोरम ने जी-20 के नेताओं द्वारा तैयार एजेंडा में अपना योगदान करने का संकल्प व्यक्त किया और कहा है कि विश्व की आर्थिक व्यवस्था बदल रही है और हम वैश्विक स्तर पर नीतियों के विकास की प्रक्रिया में यह बदलाव झलकना चाहिये।

फोरम के बयान में कहा गया है कि अब यह बात तो मानी जाने लगी है कि विश्व अर्थव्यवस्था में उभरते विकासशील देशों का दमखम बढ़ रहा है पर विश्वबैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष जैसे वैश्विक संस्थानों की संचालन व्यवस्था में यह बात अभी पूरी तरह से आत्मसात नहीं हुई है। फोरम ने बहुपक्षीय संस्थाओं की संचालन व्यवस्था में सुधार के मामले पर अपने देश की सरकारों के साथ मिलकर काम करने का संकल्प व्यक्त किया है।

फोरम ने ब्रिक्स व्यावसायिक परिषद के गठन के प्रस्ताव का भी स्वागत किया है और कहा कि इससे ब्राजील, रुस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे। व्यापार और निवेश को ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं के बीच संपर्क की दो मजबूत कड़ी बताते हुये फोरम ने 2015 तक ब्रिक्स देशों के बीच कम से कम 500 अरब डालर के व्यापार का लक्ष्य रखे जाने पर बल दिया है।

फोरम ने ब्रिक्स विकास बैंक और स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देने तथा निवेश कोष बनाने के विचार का भी समर्थन किया है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, March 28, 2013, 12:41

comments powered by Disqus