Last Updated: Thursday, October 18, 2012, 16:13
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अर्थव्यवस्था में सुधार आने के बावजूद भारत चालू वित्त वर्ष में 5.9 फीसद की धीमी आर्थिक वृद्धि दर दर्ज करेगा।
संयुक्त राष्ट्र के एशिया-प्रशांत आर्थिक और सामाजिक आयेाग (एसकेप) ने कहा कि भारतीय वृद्धि दर 2011 से कम हो रही है जिसकी मुख्य वजह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सख्त मौद्रिक नीति अपनाना है।
यूएन एसकेप ने ‘2012-13 के दौरान दक्षिण एवं दक्षिण पश्चिम एशिया विकास रपट’ में कहा ‘‘भारत की वृद्धि दर 2012-13 के दौरान 5.9 फीसद रहने का अनुमान है जबकि 2011-12 में यह 6.5 फीसद रही।’ वित्त वर्ष 2013-14 के लिए 6.8 फीसद वृद्धि का अनुमान जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति में बदलाव हुआ है।
रपट में कहा गया ‘पहली बात यह है कि सितंबर 2012 में सरकार ने लंबित आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई जिनमें बहु-ब्रांड खुदरा कारोबार और नागर विमानन क्षेत्र में एफडीआई और ईंधन सब्सिडी में आंशिक कमी शमिल है।’ रपट में कहा गया कि इस साल बारिश इतनी कम नहीं हुई जितनी शुरूआत में आशंका थी।
भारतीय अर्थव्यवस्था में 2011 से नरमी का दौर है जबकि इससे पहले तीन साल तक इसने औसतन आठ फीसद की वृद्धि दर्ज की थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 18, 2012, 16:13