Last Updated: Monday, November 26, 2012, 19:23

लंदन/ज्यूरिख : ब्रिटेन और स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने एक जांच के बाद कहा है कि भारत में वैश्विक बैंकिंग समूह यूबीएस द्वारा नियुक्त काल सेंटर की महत्वूर्पण नियंत्रण व्यवस्था के विफल होने से ही बैंक को अपने एक अधिकारी की अवांछित गतिविधियों से शेयर बाजार में 2.3 अरब का घाटा हुआ था।
दोनों देशों के नियामकों ने जांच के बाद निष्कर्ष निकाला है कि भारत के आउटसोर्सिंग इकाई में ‘संदिग्ध व्यापार गतिविधि’ का पता लगाने की व्यवस्था ने काम नहीं किया। इससे बैंक के शेयरों की खरीद-बिक्री करने वाले विभाग के एक अधिकारी की अवांछनीय गतिविधियों का समय रहते पता नहीं लग सका।
एचएसबीसी तथा स्टैंडर्ड चार्टर्ड के बाद यह वैश्विक बैंकों का तीसरा मामला है जब भारत को महत्वपूर्ण नौकरियों की आउटसोर्सिंग नियामकीय जांच के दायरे में आई है। संदिग्ध सौदों को रोक पाने की नाकामी की वजह से ऐसा हुआ है।
ब्रिटेन के वित्तीय सेवा प्राधिकरण ने इस मामले में बड़े पैमाने पर अवैध व्यापार पर रोक लगाने में नाकाम रहने के लिए यूबीएस पर 2.97 करोड़ पौंड (लगभग 265 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है, वहीं स्विट्जरलैंड के नियामक वित्तीय बाजार निरीक्षण प्राधिकरण ने भी कहा है कि उसने इस मामले में गंभीर जोखिम प्रबंधन की खामियां और बैंक में नियंत्रण में कमियां पाई हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 26, 2012, 19:23