Last Updated: Monday, October 17, 2011, 07:21
नई दिल्ली: आर्थिक नरमी के मौजूदा संकेतों बावजूद मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को विश्वास जताया कि भारत मध्यम से दीर्घकाल में औसतन 8.5 प्रतिशत से 9 प्रतिशत वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर बरकरार रखेगा।
नई दिल्ली में एशियाई विकास बैंक और भारत के बीच भागीदारी के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि मध्यम से दीर्घकाल में भारत 8.5 से 9 प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर बना रहेगा। पर हमें सावधान रहने और उभरती चुनौतियों का समय रहते उचित समाधान ढूंढने की जरूरत है ताकि हम युवा शक्ति वाले एक तीव्र वृद्धि करने वाले देश की अपनी संभावनाओं का पूरा लाभ उठा सकें।
मुखर्जी ने कहा कि कई अन्य देशों की तरह, भारत के लिए भी खाद्य सुरक्षा और कीमतों में उतार-चढ़ाव चिंता का करण बना हुआ है। हमारा मानना है कि अनाज की उपलब्धता एवं इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव की समस्या का हल कृषि उत्पादन में लगातार वृद्धि करके ही निकाला जा सकता है। ढांचागत क्षेत्र के विकास पर मुखर्जी ने कहा कि यह क्षेत्र उत्पादकता बढ़ाने और वृद्धि दर को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इस क्षेत्र के लिए जरूरी भारी निवेश को देखते हुए हमें इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपने गठबंधन की गति और बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि उर्जा के स्वच्छ एवं वैकल्पिक स्रोतों और प्रौद्योगिकी का विकास करने में एडीबी की मदद से हम सभी मोर्चे पर उर्जा कार्यक्षमता का विस्तार कर सकेंगे।
(एजेंसी)
First Published: Monday, October 17, 2011, 15:19