Last Updated: Monday, June 18, 2012, 22:30
न्यूयार्क : इंटरनेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गूगल ने कहा कि भारत ने पिछले साल की दूसरी छमाही में आनलाइन सामग्री की सेंसरशिप के संबंध में 255 आवेदन किया और यह पहले के मुकाबले 49 फीसद अधिक है। गूगल इंक ने कहा कि भारत की मांग विश्व भर के अन्य देशों की सरकारों से किए गए 1,000 आवेदनों में शमिल हैं जिनमें यूट्यूब के विभिन्न वीडियो और सर्च सूची हटाने की मांग थी। कंपनी ने इनमें से 500 से अधिक आवेदनों को स्वीकार किया।
गूगल ने कल जारी पारदर्शिता रिपोर्ट में कहा कि भारत ने 133 यूट्यूब वीडियो पाबंदी लगाने की मांग की जिनमें 10 राष्ट्रीय सुरक्षा से और 77 बदनामी से जुड़े थे। इसके अलावा 26 वेब सर्च और 49 ब्लाग बंद करने की मांग की गई। कंपनी ने कहा कि इन आवेदनों में राजनैतिक टिप्पणियों से सबंधित विषय ज्यादा थे। गूगल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभिन्न देशों की सरकारी एजेंसियां इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों द्वारा नेट पर पेश राजनैतिक सामग्रियों को हटाने के लिए आवेदन करती हैं।
उन्होंने बताया कि भारत में गूगल को पिछले साल की दूसरी छमाही के दौरान पहली छमाही के मुकाबले सामग्री हटाने के संबंध में 49 फीसद ज्यादा आवेदन मिले। अमेरिका के बाद भारत 2,207 आवेदन के साथ ‘यूजर डाटा’ की मांग के मामले में दूसरे स्थान पर रहा और गूगल ने इसमें से 66 फीसद का अनुपालन किया। वाशिंगटन 6,321 आवेदन के साथ वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर रहा।
भारत में कुछ अन्य कंपनियों के साथ गूगल को अपनी वेबसाईट पर आपत्तिजनक सामग्री के कारण कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। विवाद का मुख्य विषय है कि क्या मध्यस्थ को अपनी वेबसाईट पर तृतीय पक्ष की सामग्री के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता? हालांकि गूगल की रपट में चीन जैसे देशों के बारे में जानकारी नहीं दी गई है जहां इंटरनेट पर सख्त नियंत्रण के कारण सामग्री पर पाबंदी की मंजूरी है। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 18, 2012, 22:30